- कम मा‌र्क्स आने पर स्टूडेंट ने अप्लाई की थी आरटीआई, कॉपी देखी तो पेज ही थे गायब

- पीजी डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन का किया है स्टूडेंट ने डिप्लोमा

15-हजार से अधिक कैंडिडेट्स ने अप्लाई की थी आरटीआई

100-से अधिक कैंडिडेट्स को पर डे कॉपी देखने के लिए बुलाया जाता है

5-से अधिक कैंडिडेट्स करते हैं अपनी शिकायत

बरेली : आरयू स्टूडेंट्स के फ्यूचर से लगातार खिलवाड़ कर रहा है। एक के बाद एक लगातार मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार एक्शन लेने को तैयार नहीं हैं। पीजी डिप्लोमा करने वाला एक स्टूडेंट कम मा‌र्क्स आने पर आरटीआई के तहत कॉपी देखने पहुंचा तो पता चला कि उसकी कॉपी के आंसर लिखे चार पेज गायब थे, जिसे देखकर वह दंग रह गया। कॉपी से पेज गायब होने की शिकायत छात्र ने परीक्षा नियंत्रक से की। जिस पर परीक्षा नियंत्रक ने जांच के कराने की संस्तुति की है। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं।

बरेली कॉलेज का है स्टूडेंट

बरेली कॉलेज से पीजी डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन करने वाले पुराना शहर निवासी अमन सिंह ने कम मा‌र्क्स आने पर चार कॉपी देखने के लिए आरटीआई अप्लाई की थी। लेकिन आरयू से काफी दिनो बाद पत्र मिला तो वह 14 नवम्बर को कॉपी देखने के लिए आरयू के गोपनीय विभाग में पहुंचे। अमन ने चार कॉपी देखने के लिए आरटीआई अप्लाई की लेकिन आरयू की तरफ से भेजे गए पत्र में सिर्फ तीन कॉपी देखने के लिए सिर्फ तीन कोड ही दिए गए, जबकि पेपर कोड संख्या 13812 का जिक्र ही नहीं किया गया। लेकिन जब आरटीआई का पत्र दिखाया तब कर्मचारी मान गए और चारों कॉपी देखने के लिए दी। छात्र ने सभी कॉपी देखी, ठीक थी। लेकिन पेपर कोड संख्या 13812 को जब देखा तो वह दंग रह गया। छात्र का कहना था कि उसने लास्ट आंसर 7 पेज में लिखा था जिसमें सिर्फ तीन पेज ही मिले और उस 20 नम्बर के क्वेश्चन में सिर्फ 11 मा‌र्क्स ही दिए गए। जबकि उसकी कॉपी के चार पेज फाड़े गए थे.

पूछने पर भड़का आरयू कर्मचारी

छात्र ने जब कॉपी दिखाने वाले कर्मचारी से पेज फाड़े जाने की शिकायत की तो वह भड़क गया। परेशान छात्र ने मामले की शिकायत को लेकर परीक्षा नियंत्रक के पास पहुंचा। छात्र ने अपनी समस्या की पूरी जानकारी दी तो परीक्षा नियंत्रक भी सुनकर दंग रह गए, कि आखिरी लिखी हुई कॉपी से चार पेज कहां गए। उन्होंने मामले की जांच के लिए संस्तुति की है।

इंग्लिश में लिखा तो काट दिया

छात्र का कहना है कि उसने प्रत्येक क्वेश्चन का आंसर तो हिन्दी में लिखा लेकिन कई जगह पर डेफिनेशन को इंग्लिश में लिख दिया। जिसे कॉपी में कट कर दिया गया। इसकी भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

केस:1

टोटल में निकला 1 मा‌र्क्स कम

थर्सडे को ही एक अन्य छात्र कॉपी देखने के लिए आरयू पहुंचा था। टोटल किया तो टोटल में एक मा‌र्क्स कम निकला जिस पर छात्र ने परीक्षा नियंत्रक को प्रार्थना पत्र देकर मा‌र्क्स टोटल में बढ़वाने की मांग की है। हालांकि परीक्षा नियंत्रक ने टोटल में मा‌र्क्स ठीक कराने की बात कही है।

केस : 2

बरेली कॉलेज से स्टडी करने वाले शहर के ही रोहित ने भी बीए की कॉपी के लिए आरटीआई अप्लाई की थी। जब वह कॉपी देखने के लिए पहुंचा तो देखा कि दो आंसर चेक ही नहीं किए गए, जिसकी शिकायत उसने की लेकिन कोई सुनने के लिए तैयार ही नहीं हुआ। परेशान होकर वह वापस आ गया।

केस:3

भुता के एक निजी कॉलेज के बीएससी के स्टूडेंट सचिन ने बताया कि उसे एक सब्जेक्ट में फेल कर दिया गया है, जिसके लिए उसने आरटीआई अप्लाई की। कॉपी तो दिखाई जिसमें वह संतुष्ट नहीं था। एक क्वेश्चन भी अनचेक्ड निकला लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

छात्र ने कॉपी से पेज गायब होने की शिकायत की थी। उसके लिए जांच के लिए लिखा है। किसी भी स्टूडेंट्स की कोई समस्या है तो वह मुझसे मिल सकता है।

- संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक आरयू

Posted By: Inextlive