दहेज का अर्थ है जो सम्पत्ति, विवाह के समय वधू के परिवार की तरफ़ से वर को दी जाती है। दहेज को उर्दू में जहेज़ कहते हैं। यूरोप, भारत, अफ्रीका और दुनिया के अन्य भागों में दहेज प्रथा का लंबा इतिहास है। भारत में इसे दहेज, हुँडा या वर-दक्षिणा के नाम से भी जाना जाता है तथा वधू के परिवार द्वारा नकद या वस्तुओं के रूप में यह वर के परिवार को वधू के साथ दिया जाता है । आज के आधुनिक समय में भी दहेज़ प्रथा नाम की बुराई हर जगह फैली हुई हँ । पिछड़े भारतीय समाज में दहेज़ प्रथा अभी भी विकराल रूप में है।

हर घंटे एक दहेज हत्या

देश में औसतन हर एक घंटे में एक महिला दहेज संबंधी कारणों से मौत का शिकार होती है और वर्ष 2007 से 2011 के बीच इस प्रकार के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि विभिन्न राज्यों से वर्ष 2012 में दहेज हत्या के 8,233 मामले सामने आए। आंकड़ों का औसत बताता है कि प्रत्येक घंटे में एक महिला दहेज की बलि चढ़ रही है।

दहेज के विरुद्ध कानून

-दहेज निषेध अधिनियम, 1961 के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

-दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है, के अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।

-धारा 406 के अन्तर्गत लड़की के पति और ससुराल वालों के लिए 3 साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्रीधन को उसे सौंपने से मना करते हैं।

-यदि किसी लड़की की विवाह के सात साल के भीतर असामान्य परिस्थितियों में मौत होती है और यह साबित कर दिया जाता है कि मौत से पहले उसे दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाता था, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी के अन्तर्गत लड़की के पति और रिश्तेदारों को कम से कम सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

Posted By: Inextlive