- कोरोना पेशेंट की ड्यूटी में लगे स्टॉफ को होटल में किया गया है स्टे

- 28 दिनों बाद स्टॉफ को घर जाने की होगी अनुमति

- डॉक्टर्स एवं स्टॉफ व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के जरिये ले रहे अपनो का हालचाल

प्रयागराज में कोरोना के छह पॉजिटिव केस आ चुके हैं। सभी को कोटवा एट बनी लेवल वन हॉस्पिटल में एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। इन सभी पेशेंट के देखभाल के लिए डॉक्टर्स व अन्य स्टॉफ की ड्यूटी शिफ्ट में लगायी गई है। सभी के रहने के लिए होटलों में व्यवस्था की गई है। ये डॉक्टर व स्टॉफ 28 दिन बाद ही अपने घर जा सकेंगे। इस दौरान इनके बीच रिश्तों को व्हाट्सएप का ही सहारा है। डॉक्टर्स व स्टॉफ के लोग व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के जरिये अपनो का हालचाल लेकर दूरी को कम करने का अहसाह कर रहे हैं।

पति-पत्‍‌नी दोनों कर रहे मरीजों की सेवा

डा। सुनील पांडेय फूलपुर में पोस्टेड हैं और उनकी ड्यूटी कोरोना मरीजों के इलाज में लगाई गई है। उनकी पत्‍‌नी डा। राशि तिवारी भी डफरिन हॉस्पिटल में तैनात हैं और मरीजों की सेवा कर रही हैं। दोनों इस कठिन समय में अपने देश की सेवा में लगे हैं। परिवार में दो बेटे हैं ध्रुव और देव। माता-पिता दोनों के काम पर लगे होने से बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी 80 साल के दादाजी के कंधो पर आ गई है। इस बीच बच्चों को अपने पिता से व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के जरिये देखकर खुशी मिलती है। बच्चों का कहना है कि मरीज जल्दी ठीक हो जाएं जिससे पापा को घर आने का मौका मिले।

पापा हैं नेशनल हीरो

इसी तरह कोटवा में ड्यूटी कर रहे डा। अनिल यादव के परिवार में भी बेटा अभिनव और बेटी शांभवी हैं। उनकी पत्‍‌नी डा। नीलम यादव खुद चाका में पोस्टेड हैं। इसलिए यह फैमिली भी कोरोना के संकट को लेकर मानसिक रूप से खुद को तैयार कर रही है। बच्चों को पता है कि उनके पापा नेशनल हीरो हैं और कोरोना के मरीजों के इलाज में अपना शत प्रतिशत दे रहे हैं। वह कहते हैं कि पापा से व्हाट्सएप पर देखकर हालचाल मिल जाता है। सभी लोग डॉक्टर्स की बड़ाई करते हैं, यह सुनकर अच्छा लगता है।

Posted By: Inextlive