- नैनीताल, चम्पावत, देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़ में हुआ नुकसान

- केन्द्र सरकार को रिपोर्ट भेजने के निर्देश

DEHRADUN: अप्रैल महीने के तीन दिनों में ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में गेंहू की ब्क्00 हेक्टेयर ख्रड़ी फसल बर्बाद हो गई। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने म्,7, 8 अपै्रल को हुई ओलावृष्टि और तूफान के चलते फसल को हुए नुकसान को लेकर समीक्षा बैठक ली, जिसमें यह आंकड़े सामने आए।

विभाग मिलकर करें काम

शुक्रवार देर रात विधानसभा में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कृषि विभाग के कायरें की समीक्षा की। बैठक में कृषि निदेशक ने कृषि मंत्री को बताया कि प्रदेश के नैनीताल, चम्पावत, देहरादून, हरिद्वार और पिथौरागढ जिले में लगभग ब्क्00 हेक्टेयर गेंहू की खड़ी फसल को क्षति पहुंची है। इस पर कृषि मंत्री ने कृषि निदेशक को निर्देश दिये, कि ओलावृष्टि से हुई क्षति की सूचना संकलित कर कृषि मंत्रालय भारत सरकार को भेजी जाए। कृषि मंत्री द्वारा जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए कृषि व वन विभाग में सामंजस्य बनाते हुए साझा प्रयास करने के निर्देश दिए गए। उन्होने निर्देश दिये कि जंगलों में जानवरों के लिए वन प्रजाति के फलों के पेड़ और घास रोपी जाए। उन्होने कृषि विभाग और वन विभाग को कृषि भूमि के चारों ओर वानस्पतिक घेरबाड़ की योजना बनाने के निर्देश दिये।

पीपीपी मोड पर बनें कोल्ड स्टोरेज

कृषि मंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए कृषि को व्यवसायिक स्वरूप देने पर जोर दिया और कहा कि किसानों को बिजनेसमैन के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जाए। उन्हाने कहा कि स्थानीय फसलों से अधिक मूल्य प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग फारमर्स प्रोडक्शन ऑर्गेनाईजेशन (एफपीओ) के गठन करने की दिशा में कार्य किया जाए। कृषि मंत्री ने कहा कि जहां फल एवं सब्जियां सरप्लस मात्रा में पैदा होती हैं वहां पर पीपीपी मोड से कोल्ड स्टोरज स्थापित किये जाएं, ताकि ऑफ सीजन में बाजार की मांग के अनुसार फल एवं सब्जियां अच्छे मूल्य पर बेची जा सकें।

Posted By: Inextlive