जब बीजेपी लीडरशिप पर अपने ही नेताओं ने उठाई उंगली
पूर्व वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा द्वारा बीजेपी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाने के बाद राजनीतिक स्तर भूचाल आ गया है। ना सिर्फ विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष के भी कई नेता सिन्हा के सर्मथन में आ गए हैं। जिसमें उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे लोग शामिल हैं। हालाकि ये पहली बार नहीं है जब सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अपने ही साथियों के निशाने पर आई हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा
इस कड़ी में सबसे बड़ा नाम शत्रुघ्न सिन्हा का रहा है जो हमेशा काफी मुखर स्वर में बीजेपी की नीतियों का ना सिर्फ विरोध करते रहे हैं बल्कि कई बार उसके विरोधी नेताओं की तारीफ भी करते रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है और वो सारे प्रयासों के बावजूद कभी भी पार्टी की सरकारों में बड़े पद पर नियुक्त नहीं हो सके।
ऐसा ही एक नाम सुब्रमण्यन स्वामी का भी है जो समय समय पर बीजेपी की नीतियों और फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं। उन्होंने बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली की योग्यता को ही कई बार कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने नोटबंदी पर उंगली उठाते हुए कहा था कि सरकार की नीतियों की वजह से देश आर्थिक मंदी के खतरे की ओर बढ़ रहा है।
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अरुण शौरी ऐसा ही कुछ रवैया पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे बीजेपी नेता अरुण शौरी का रहा है। उन्होंने भी कहा था कि देश की अर्थ व्यवस्था चरमराने लगी है। देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भी उन्होंने सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया था।National News inextlive from India News Desk