ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर और टीम इंडिया के कोच रहे ग्रेग चैपल का आज 70वां जन्मदिन है। आइए जानें बतौर कोच उनके कुछ विवादों के बारे में...


कानपुर। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी माने जाने वाले ग्रेग चैपल आज 70 साल के हो गए हैं। तकरीबन 15 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले चैपल रिटायरमेंट के बाद ही काफी चर्चा में रहे। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, चैपल को 2005 में दो साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया। उस वक्त टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली थे। चैपल और गांगुली के बीच इतना विवाद हुआ कि दोनों खुलकर सामने आए। यही नहीं चैपल ने सचिन तेंदुलकर को लेकर भी उस वक्त काफी कुछ बोला था।चैपल ने गांगुली को टीम में रखने से कर दिया था मना


2005 में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच बनते ही चैपल की सबसे पहले लड़ाई सौरव गांगुली से हुई। दोनों ही अपने समय के बेहतर खिलाड़ी रहे, लेकिन जब ड्रेसिंग रूम शेयर करने की बात आई, तो गांगुली-चैपल के बीच कभी पटरी नहीं खाई। मिडडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उस वक्त भारतीय टीम जिंबाब्वे दौरे पर गई थी। पहला टेस्ट खेला जाना था, कि उससे ठीक एक दिन पहले कप्तान सौरव गांगुली ने कोच ग्रेग चैपल से पूछा कि, युवराज और कैफ में किसको टीम में खिलाया जाए। चैपल ने कहा कि दोनो खेलेंगे और तुम बाहर रहोगे। चैपल की यह बात सुन गांगुली काफी हैरान रह गए थे। उन्होंने सीरीज छोड़ने का मन बना लिया था। तभी चैपल ने बीसीसीआई को एक लेटर भेजा कि, गांगुली कप्तानी के लिए न ही शारीरिक और न मानसिक रूप से फिट है। यह लेटर मीडिया में लीक होते ही काफी बवाल हुआ।चैपल ने खराब किया था टीम का माहौल

कहा जाता है कि इस विवाद का असर सौरव गांगुली के करियर पर पड़ा। चैपल गांगुली को टीम में नहीं रखना चाहते थे। टीम के अन्य सदस्य भी इस बात से वाकिफ थे। सचिन से लेकर द्रविड़ और सहवाग तक कई सीनियर खिलाड़ी उस टीम में मौजूद थे और सभी को चैपल की तानाशाही पसंद नहीं आ रही थी। सचिन ने अपनी आत्मकथा प्लेइंग इट माय वे इस विवाद का जिक्र भी किया। अपनी किताब में सचिन तेंदुलकर ने लिखा कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल एक रिंग मास्टर की तरह काम करते थे। वह टीम के अन्य सदस्यों पर अपनी राय थोपते थे। खैर विवादित रहे गुरु ग्रेग चैपल का कोचिंग करियर ज्यादा लंबा नहीं टिका। साल 2007 में उन्हें भारतीय कोच पद छोड़ना पड़ा और उनकी जगह गैरी किस्टर्न आए। जिनके कार्यकाल में ही भारत ने 2011 वर्ल्डकप जीता था।ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी और कोच से जुड़ी एक घटना 13 साल पहले भी हुई थी, जब भारत के एक खिलाड़ी का करियर खत्म किया जा रहा थासचिन ने फोड़ा किताब बम, कहा चैपल थे रिंग मास्टर

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari