Padmini Ekadashi 2020: कैसे करें अधिक मास की एकादशी का व्रत, महत्व व पूजा विधि
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Padmini Ekadashi 2020: पुरुषोत्तम मास जिसे अधिक मास या मलमास के नाम से भी जाना जाता है में भगवान विष्णु की पूजा से विशेष फल मिलता है। इस माह आने वाली एकादशी को हम पद्मिनी एकादशी के नाम से जानते हैं। जो एकादशी अधिक माह के शुक्ल पक्ष में आती है उसे पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। पद्मिनी एकादशी का व्रत जो महीना अधिक हो जाता है उसपर निर्भर है इसीलिए यह व्रत करने के लिए कोई चन्द्र मास तय नहीं है। अधिक मास को मलमास, पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी को अधिक मास एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
कब है Padmini Ekadashi
अधिक मास में एकादशी तिथि 26 सितंबर को सायंकाल 6 बजकर 59 मिनट पर लग रही है जो कि 27 सितंबर को सायं 7 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है।
Padmini Ekadashi पारण का समय
एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। 28 सितंबर को पारण का समय सुबह 6 बजकर 13 मिनट से सुबह 8 बजकर 36 मिनट तक है। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 8 बजकर 58 मिनट है।
हर तीसरे साल सर्वोत्तम यानी पुरुषोत्तम मास आता है। इस माह में जप, तप व दान का विशेष महत्व है जिससे अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस मास में भगवान विष्णु की आराधना से पुण्य लाभ होता है। सूर्य की बारह संक्रांति के आधार पर ही वर्ष में 12 माह होते हैं। प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पुरुषोत्तम माह आता है। पुरुषोत्तम मास का कोई स्वामी न होने के कारण इस माह में सभी मंगल कार्य, शुभ और पितृ कार्य वर्जित माने जाते हैं।