भारतीय क्रिकेट टीम में स्‍टार क्रिकेटर की कमी कभी नहीं रही है। पहले गावस्‍कर से लेकर सचिन तक और बाद में धोनी से लेकर कोहली तक। हर समय टीम में एक स्‍टार खिलाड़ी मौजूद रहा है। हालांकि ये इतने बड़े खिलाड़ी तब बन पाए जब इनकी प्रतिभा पर किसी की नजर पड़ी। आज हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ लोगों की जिन्‍होंने भारत को दिए लिजेंड्री क्रिकेटर....



2. एम.एस.धोनी :
बात 2003 की है जब बंगाल टीम के कप्तान रहे प्रकाश पोद्दार को बीसीसीआई ने काफी अहम जिम्मेदारी सौंपी। प्रकाश को BCCI Talent Research Development Officer चुना गया। इनका काम था कि छोटे शहरों से टैलेंट की खोज करना। जमशेदपुर में उस समय अंडर-19 टीम का मैच चल रहा था। और प्रकाश यहां पर बेहतरीन खिलाड़ी चुनने आए थे। इस मैच में धोनी भी खेल रहे थे, हालांकि उन्होंने सिर्फ 35 रन बनाए थे। लेकिन प्रकाश को धोनी की बिग हिटिंग का अंदाजा लग गया था और उन्होंने कहा भी था, 'क्या मारता है बॉल को'। बस यहीं से धोनी कि किस्मत बदली और धीरे-धीरे उनकी भारतीय टीम में जगह पक्की हो गई। वनडे में डेब्यू के बाद भी धोनी को जिस खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा सिखाया वो थे उस समय के कप्तान सौरव गांगुली।

4. रविंद्र जडेजा :
साल 2008 में आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम में खेल रहे रविंद्र जडेजा को कोई नहीं जानता था। उस समय राजस्थान टीम के कप्तान शेन वार्न हुआ करते थे। शेन वार्न ने जडेजा की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें खेलने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया। जडेजा ने भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन का ही नतीजा है कि रविंद्र जडेजा आज भारतीय टीम के बेस्ट ऑलराउंडर में से एक हैं।

6. युवराज सिंह :
बाएं हाथ के धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह के टैलेंट को सबसे पहले पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने पहचाना था। युवराज जब 17 साल के थे तब दिलीप ने युवी की प्रतिभा को समझ लिया का। वेंगसरकर ने एक बार कहा भी था कि, युवराज को शुरुआत में बैटिंग करते हुए देखना काफी अच्छा लगता था। वह आसानी से गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचा देता था।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari