क्रिकेटर्स अपने फैन्‍स के लिये भगवान होते हैं और अपने विरोधी के लिये वो शैतान से कम नहीं होते हैं। बहुत कम ऐसे मौके होते हैं जब टीम या क्रिकेटर्स के आंसू नजर आते हैं। हम आप को आज कुछ ऐसे ही दिग्‍गज क्रिकेटर्स से मिलवाने जा रहे हैं जो मीडिया के सामने फफक के रो पड़े।

1- कपिल देव
भारतीय टीम को अपनी कप्तानी में विश्व कप दिलाने वाले कपिल कई पीढ़ियों के प्रेरणास्रोत रहे हैं। लेकिन जब 2000-01  में उन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा तो उन्हें मीडिया का एक तबका विलेने के तौर पर पेश करने लगा। मैच फिक्सिंग के आरोपों के बाद पूर्व तेज गेंदबाज और पूर्व कप्तान कपिल बाद इससे जुड़े सवाल के जवाब में लाइव शो में रो पड़े। जब कपिल से पूछा गया कि क्या उनके खिलाफ कोई साजिश की गई थी तो उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता। कपिल ने रोते-रोते ही अपनी सफाई देते हुआ कहा कि उनका मैच फिक्सिंग से कोई भी वास्ता नहीं है।
2- सचिन तेंदुलकर
मीडिया ने सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान का दर्जा दिया था। साल 2013 में जब सचिन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया तो पूरी दुनिया को पता चला कि इंसान ही नहीं भगवान भी रोते हैं। अपने विदाई भाषण के समय सचिन अपनी आंखों में आंसू आने से नहीं रोक सके।

4- माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिल ह्यूज की एक स्थानीय सीरीज में मैच खेलते हुए सिर पर गेंद लगने से मौत हो गई। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया समेत पूरे क्रिकेट जगत को हिला दिया। 25 वर्षीय फिल ह्यूज की मौत के बाद जब ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान माइकल क्लार्क मीडिया से रूबरू हुए तो वो अपने आंसू नहीं रोक सके। फिल को श्रद्धांजलि देते हुए क्लार्क के साथ ऑस्ट्रेलिया टीम के बाकी खिलाड़ियों की भी आंखें नम हो गईं।

6- विनोद कांबली
1996 विश्प कप में भारतीय टीम कोलकाता के ईडेन गार्डेन पर श्रीलंका के हाथों सेमीफाइनल में बुरी तरह हार गई थी। श्रीलंकाई टीम ने पहले खेलते हुए आठ विकेट खोकर 251 रन बनाए। मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुवाई में खेल रही भारतीय टीम की तरफ से सर्वाधिक 65 रन सचिन तेंदुलकर ने बनाए। उनके अलावा कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। विनोद कांबली नाबाद रहे लेकिन दूसरी छोर पर विकेट गिरते रहे। पूरी टीम 120 रनों के कुल योग पर आउठ हो गई। नॉट आउट रहे कांबली रोते हुए नाबाद पवैलियन लौटे।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra