- पेपर आउट मामले में पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को दे रही दबिश

- यूनिवर्सिटी में जांच कमेटी आगे की कार्रवाई में नहीं कर रही खास

Meerut: बीएसी के पेपर आउट मामले में यूनिवर्सिटी की जांच अभी किसी करवट बैठती नजर नहीं आ रही। तीन कॉलेजों पर वीसी और इनकी जांच टीम ने संदेह जाहिर किया। जिनमें से एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने अपना सफाई नामा भी पेश कर दिया। वहीं पुलिस के हाथ भी बचे हुए आरोपी नहीं लग रहे हैं। जिससे केस में कुछ नया होता। आजकल वीसी और रजिस्ट्रार भी छुट्टी पर चल हैं। इससे साफ है कि जांच लंबी खिंचने वाली है।

ये हुए थे पेपर आउट

बीएससी फ‌र्स्ट ईयर का पेपर आउट होने के बाद यूनिवर्सिटी मेरठ और सहारनपुर मंडल का पेपर निरस्त कर दिया था। इसके बाद तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई। जिसमें डिप्टी रजिस्ट्रार डा। हरिशचंद्र, एसएसवी डिग्री कॉलेज हापुड़ के प्रिंसिपल डा। राजेंद्र कुमार और डीन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी बी। रमेश शामिल किए गए। इसके बाद एक और पेपर आउट हुआ और उसमें तीन आरोपी पकड़े गए। जिनको जेल भेज दिया गया। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने सभी नोडल सेंटर्स से एग्जाम के लिफाफे मंगवाकर जांच करवाई।

इन पर है आरोप

यूनिवर्सिटी की जांच कमेटी के अनुसार वाइस चांसलर वीसी गोयल ने तीन कॉलेजों को संदेह के घेरे में बताया था। जिसमें मेरठ का डीएन डिग्री कॉलेज, बुलंदशहर के डीएवी डिग्री कॉलेज और साहिबाबाद के एलआर कॉलेज शामिल हैं। इनके लिफाफों में कुछ गड़बड़ी का संदेह जताया गया, लेकिन इस मामले में डीएवी कॉलेज बुलंदशहर के प्रिंसिपल डा। विकास शर्मा ने अपने कॉलेज का नाम आने पर सफाई पत्र सौंप दिया। जिसमें अपने सेंटर को साफ बताया। लेकिन जांच कमेटी ने अभी किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी है।

देरी तो तय है

इस मामले में जांच कमेटी भी कोई निर्णय नहीं कर पा रही है। आरोपियों पर भी आरोप सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं। वहीं पुलिस वालों को भी चार आरोपियों की तलाश है जो हाथ नहीं आ पा रहे हैं। ये हाथ आएं तो कुछ बात बने। वाइस चांसलर आजकल छुट्टी पर हैं तो जांच रिपोर्ट में कुछ खास प्रगति नहीं होने वाली है। जब तक वीसी नहीं आएंगे तो जांच रिपोर्ट डिस्क्लोज नहीं होगी। ऐसे में जांच रिपोर्ट में देरी तो तय है। आगे इस रिपोर्ट में कुछ भी हो सकता है। जैसा कि पिछले कुछ केसेज में हुआ है। जिसमें आजतक आरोपियों का कुछ सुराग भी नहीं लग पाया।

Posted By: Inextlive