- दो महीने पहले शुरू होनी थी एक कार्ड पर मेट्रो और सिटी बसों में सफर की सुविधा

- अब पैसेंजर्स को नहीं मिल सकी यह सुविधा

- दोनों में सफर के लिए रखने पड़ते हैं अलग-अलग कार्ड

LUCKNOW: ना तो पैसेंजर्स को स्मार्ट कार्ड मिल रहे हैं और ना ही एक कार्ड पर मेट्रो और सिटी बसों में सफर की सुविधा मिल पा रही है। मेट्रो में सफर के लिए जहां उनका कार्ड खरीदना पड़ता है, वहीं सिटी बसों में सफर के लिए दूसरा कार्ड लेना पड़ता है जबकि सिटी बस प्रबंधन को अपने यहां कार्ड पर सफर की सुविधा दो महीने पहले ही शुरू करनी थी, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी।

पैसेंजर्स से छिन गई छूट की सुविधा

प सेंजर्स के अनुसार राजधानी में दो महीने पहले मेट्रो और सिटी बसों में स्मार्ट कार्ड लागू करने को लेकर सिटी बसों में मिलने वाली 40 प्रतिशत की छूट की व्यवस्था खत्म कर दी गई। मेट्रो अपने कार्ड पर सफर करने वालों को जहां दस प्रतिशत की छूट देता है उसी तर्ज पर सिटी बस प्रबंधन ने अपने यहां सफर करने वाले पैसेंजर्स को 20 प्रतिशत तक छूट देने का एलान किया। अन्य सभी छूट पर प्रतिबंध लगा दिया। ऐसे में स्टूडेंट्स और बुजुर्गो को मिलने वाली 40 प्रतिशत की छूट की व्यवस्था खत्म कर दी गई। छूट खत्म होते ही सिटी बसों के पैसेंजर्स तेजी से कम होने लगे।

स्मार्ट कार्ड नहीं हो सका शुरू

मेट्रो और सिटी बसों में एक कार्ड पर पैसेंजर्स को सफर की सुविधा देने के निर्देश स्मार्ट सिटी मिशन की योजना का हिस्सा है, लेकिन सिटी बस प्रबंधन की लापरवाही के चलते अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। मेट्रो में सफर के लिए कार्ड जारी कर दिए गए, लेकिन सिटी बस आज भी कागज बने कार्ड ही जारी कर रहा है। अब तक पैसेंजर्स की सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड भी नहीं ला सका है। पैसेंजर्स के अनुसार दोनों साधनों का प्रयोग करने के लिए हमें अलग-अलग कार्ड प्रयोग करने पड़ते हैं।

कोट

कार्ड शुरू करने को लेकर कई बैठकें की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं हो सका है। इसके लिए बैंक और मेट्रो के अधिकारियों से नए सिरे से बातचीत की जाएगी और एक कार्ड पर सफर की सुविधा जल्द ही पैसेंजर्स को मिल सकेगी।

आर के मंडल

एमडी, सिटी बस प्रबंधन

बॉक्स

लगातार कम हो रहे हैं पैसेंजर्स

सिटी बसों में रोजाना सफर करने वाले पैसेंजर्स का औसत लगातार गिरता जा रहा है। रोजाना 65 हजार पैसेंजर्स के सफर करने का आकड़ा गिरकर 20 हजार तक जा पहुंचा है। सिटी बस प्रबंधन के अनुसार सबसे बड़ा कारण खटारा सिटी बसें हैं जिनमें पैसेंजर्स मजबूरी में सफर करते हैं। इसके अलावा दस साल पहले लाई गई सिटी बस बेड़े में इनकी संख्या भी कम हो गई है। इस समय सिटी बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों को मिलाकर तकरीबन 140 बसें ही पूरी तरह से दौड़ रही हैं।

Posted By: Inextlive