- प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को देखने से किया इनकार

- प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने कराया प्रसव

- तीन स्वस्थ बच्चों का हुआ जन्म

ARRARIYA/PATNA: अररिया के रानीगंज रेफरल अस्पताल में बुधवार सुबह एएनएम की लापरवाही से प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को बिना जांच किए ही निजी नर्सिंग होम ले जाने को कहा गया। इसी दौरान अस्पताल परिसर में ही महिला ने तीन बच्चों को जन्म दिया। रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने कपडे़ से घेरकर परिजनों ने प्रसव कराया। महिला के पति पंजाब में मजदूरी करते हैं।

कोशकापुर उत्तर वार्ड नंबर दो निवासी संतोष यादव की पत्नी रीतू देवी (25) प्रसव पीड़ा से कराहते हुए रेफरल अस्पताल आई। एएनएम अस्मिता कुमारी उन्हें बिना देखे जांच रिपोर्ट के आधार पर किसी नर्सिंग होम में ले जाने को कह दिया। इसी बीच अस्पताल परिसर में ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के कार्यालय के सामने महिला को प्रसव होने लगा तो परिजनों ने साड़ी से घेरकर प्रसव कराया। उसने तीन स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। जिनमें से एक लड़की और दो लड़के हैं।

परिजनों में आक्रोश

रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी वाईपी सिंह को पता चला तो उन्होंने एएनएम अस्मिता को फोन कर बुलाया, लेकिन वह नहीं आई। उनकी पहल पर जच्चा और बच्चों को रेफरल अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉ वाईपी सिंह ने तीनों बच्चों की जांच कर उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया तथा पीडि़त महिला का इलाज किया। इस घटना को लेकर मरीज के परिजन में आक्रोश है। पीडि़ता को पहले से एक दो वर्षीय बालक है। इधर, एएनएम अस्मिता ने बताया कि प्रसव कक्ष में वह एक महिला का प्रसव करा रही थी, इसी कारण वह महिला की जांच नहीं कर पाई और फोन भी रिसीव नहीं किया।

कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एएनएम अस्मिता कुमारी को लेबर रूम से हटाकर बेलसरा एपीएचसी में भेजा जा रहा है। आदेश की एक प्रति डीएम अररिया व सीएस अररिया को भेज दी गई है। अगर एएनएम मरीज की जांच करती तो इतनी बड़ी समस्या नहीं होती। मेरे कई बार फोन करने पर भी वह नहीं आई।

-डॉ वाईपी सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, रेफरल अस्पताल

Posted By: Inextlive