- कांग्रेस और बीजेपी दोनों को है हॉर्स ट्रेडिंग का डर

- डैमेज कंट्रोल के लिए रामनगर में कांग्रेसी विधायकों ने डाला डेरा

-अपने खेमे के विधायकों को एकजुट रखने में जुटी सरकार

-वन निगम चेयनमैन हरीश धामी के साथ विधायक भीमलाल आर्य भी पहुंचे

-सीएम के सलाहकार रणजीत रावत जुटे हुए हैं विधायकों को जुटाने में

-पहले हेलीकॉप्टर से, बाद में वाया कार से ले जाया गया विधायकों को

DEHRADUN: हॉर्सट्रेडिंग के डर से कांग्रेस और बीजेपी के विधायक अज्ञातवास पर चले गए हैं। कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को एक जुट रखने के लिए रणनीति बना कर चल रही है। तो बीजेपी भी इस चाल में पीछे नहीं है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी द्वारा बागी विधायकों को मध्यप्रदेश और गुजरात ले जानी की बात कही जा रही है। वहीं रविवार को कांग्रेस बाकायदा तीन हेलीकॉप्टर से विधायकों को रामनगर के एक रिसॉर्ट तक पहुंचाने की खबरें आई। हालांकि सूत्र बताते हैं कि बाद में विधायकों को कार के जरिए कार्बेट पार्क के एक रिसोर्ट में ले जाया गया। वहीं यह भी बताया जा रहा है कुछ विधायकों को कौसानी और सल्ट में भी ठहराया गया है। इसकी जिम्मेदारी सीएम के औद्योगिक सलाहकार रणजीत रावत को प्रमुख रूप से सौंप गई है। वहीं, वन विकास निगम के चेयरमैन हरीश धामी, और बीजेपी के विधायक भीमलाल आर्य भी रामनगर में ही हैं। बीजेपी के विधायक बिशन सिंह चुफाल की कांग्रेस के पाले में जाने की खबरें दिनभर उड़ती रही। जिसका खंडन खुद चुफाल ने किया।

कार से ले जाया गया विधायकों को

प्रदेश में उपजे राजनीतिक हालातों के बाद राज्यपाल डा। केके पॉल ने हरीश रावत सरकार को आगामी ख्8 मार्च तक सदन बहुमत साबित करने का वक्त दिया है। इस बीच सीएम हरीश रावत कैसे बहुमत साबित करेंगे व ऐसे हालात में कैसे डैमेज कंट्रोल हो पाए, इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है। रविवार दोपहर बाद पीडीएफ कोटे के मंत्री व विधायकों के साथ कांग्रेस के विधायकों का रामनगर पहुंचने का सिलसिला शुरु हुआ। कुछ बगावती तेवर दिखाने वाले विधायकों को रणजीत रावत सल्ट के लिए भी ले गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था व विधायकों के मूवमेंट को गोपनीय रखने के लिए हेलीकॉप्टर से जाने का प्लान अचानक बदल दिया गया, विधायकों को वाया कार रामनगर ले जाया गया। वन निगम के अध्यक्ष हरीश धामी ने बताया कि विधायक यहां कुछ पल सुकून का समय बिताने पहुंचे हैं।

भाई को मनाने पहुंची बहन

दून के बाद दिल्ली का घटनाक्रम में दिनभर बदलता रहा। विजय बहुगुणा के आवास पर उनकी बहन कांग्रेस की नेता रीता बहुगुणा जोशी ने उनसे उनके आवास पर मुलाकात की। उसके बाद रीता बहुगुणा ने स्पष्ट किया कि पूर्व सीएम विजय बहुगुणा कांग्रेस के सिपाही हैं, रहेंगे। गौरतलब हो कि कांग्रेस हाईकमान ने रीता बहुगुणा को अपने भाई को समझाने की जिम्मेदारी दी थी।

अमित शाह को सौंपी रिपोर्ट

गुड़गांव के एक होटल में मौजूद भाजपा के विधायकों के अलावा कांग्रेस के विद्रोही विधायक रविवार को भी दिल्ली में ही डटे रहे। इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को रिपोर्ट सौंपी।

कोश्यारी की बहुगुणा से मुलाकात

उत्तराखंड के ताजा हालात को देखते हुए पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने दिल्ली में पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि ताजा घटनाक्रम को देखते हुए दोनों नेताओं की कई पहलुओं पर बातचीत हुई।

रावत सरकार किसी की नहीं सुन रही थी

कांग्रेस के विद्रोही विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा। हरक सिंह रावत ने दिल्ली में मीडिया से कहा कि उनकी लड़ाई कांग्रेस से नहीं, बल्कि सीएम हरीश रावत से है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में हरीश रावत सरकार किसी भी मंत्री व विधायक की नहीं सुन रही थी।

एमपी व गुजरात को रवाना विधायक

बताया जा रहा है कि दिल्ली गुड़गांव के होटल में ठहरे कई विधायक राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ एमपी के लिए रवाना हो चुके हैं। जबकि कुछ विधायकों को गुजरात रवाना किया जा रहा है।

ख्म् तक रखना होगा पक्ष

स्पीकर कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य सचेतक के अनुरोध पर स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने सभी नौ विधायकों को नोटिस जारी किया गया है, जिनको ख्म् मार्च तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।

हरक सिंह रावत के ऑफिस पर ताला जड़ा

रविवार शाम सवा पांच बजे सीएम हरीश रावत व संसदीय कार्य मंत्री विधानसभा स्थित डा। हरक सिंह रावत के कार्यालय पहुंचे और कार्यालय पर ताला जड़ दिया। सीएम व संसदीय कार्य मंत्री प्राइवेट इनोवा कार से विधानसभा पहुंचे। वहीं दूसरी कार में कानूनविदों के अलावा चीफ सेक्रेटरी भी थे। बताया जा रहा है कि रविवार को सीएम हरीश रावत को भनक लगी कि पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कार्यालय खुला हुआ है और फाइलें इधर-उधर की जा रही हैं। इस बीच जैसे ही हरक सिंह रावत को दिल्ली में इसकी भनक लगी, वैसे ही उन्होंने भी सीएम पर उनके पीएस को धमकाने का आरोप लगाया।

Posted By: Inextlive