मनोज पांडेय चौराहे से हुसडि़या चौराहा

गोमतीनगर की मेन मार्केट इसी के बीच लगती है

1800 मीटर के दायरे में लगती है मार्केट

मार्केट में केवल दो ही पार्किंग नगर निगम की

रोजाना करीब ढाई से तीन लाख लोग शॉपिंग को आते

70 से 80 हजार वाहनों का रहता है रेला

निगम की पार्किंग की कुल क्षमता मात्र 50 फोर व्हीलर की

एक निजी पार्किंग जिसकी क्षमता मात्र 20 फोर व्हीलर की

हेडिंग- 18 सौ मीटर में एक हजार वाहन रोड किनारे पार्क

- मनोज पांडेय चौराहे से हुसडि़या चौराहे के बीच है मेन मार्केट

- पार्किंग न होने से लोगों को होती है काफी प्रॉब्लम

LUCKNOW : शहरर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए पहले चरण में पुलिस ने हजरतगंज, विभूतिखंड और गोमतीनगर को चुना है। पुलिस बाखूबी इस अभियान को चला भी रही है। अभियान और उसके एक्शन के बाद पब्लिक का रि-एक्शन भी सामने आ रहा है। रोड पर पार्किग के खिलाफ पुलिस कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन मेन मार्केट में आने वाली गाडि़यों की पार्किग का कोई आप्शन है, इस सवाल के जवाब में पुलिस मौन है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पब्लिक की इस समस्या को जानने के लिए गोमती नगर के मनोज पांडेय चौराहे से हुसडि़या चौराहे का जायजा लिया।

18 सौ मीटर की दूरी पर दो पार्किग

गोमतीनगर के मनोज पांडेय चौराहे से हुसडि़या चौराहे के बीच की दूरी पर करीब दो किमी की है। इस बीच की दूरी पर ही गोमतीनगर इलाके की मेन मार्केट है। पत्रकारपुरम चौराहे के आस-पास बड़ी मार्केट है, जिसमें हर दिन करीब ढाई से तीन लाख लोगों का आना जाना लगा रहता है। इस एरिया में हर दिन करीब दो पहिया और चार पहिया वाहन मिलाकर 70 से 80 हजार वाहन आते है। यह वाहन दुकानदार, स्टॉफ और ज्यादातर ग्राहकों के होते है। करीब 18 सौ मीटर की दूरी पर मात्र दो पार्किग स्टैंड हैं। दोनों पार्किग नगर निगम की है। हालांकि एरिया में एक और पार्किग का टेंडर पास हुआ है, लेकिन वह अभी एक्टिव नहीं है।

65 चार पहिया वाहनों की पार्किग

पत्रकारपुरम चौराहे के पास सहारा प्लाजा की पार्किग हैं, जिसमें मात्र 30 चार पहिया गाड़ी खड़ी हो सकती हैं। वहीं सहारा प्लाजा के पीछे बैंक की पार्किग है, जिसमें 20 से ज्यादा गाड़ी नहीं खड़ी हो सकती हैं जबकि नगर निगम की मेयो हॉस्पिटल के बाहर पार्किंग है जिसकी क्षमता 15 से 20 गाडि़यों से ज्यादा नहीं है। वहीं फोर्ड हॉस्पिटल के बगल में भी नगर निगम की पार्किग है, लेकिन वह पूरी तरह से एक्टिव नहीं है।

खुद की गाड़ी खड़ी करें या कस्टमर की

गोमतीनगर में ज्यादातर कामर्शियल कॉम्पलेक्स और शोरूम हैं, जिसमें ज्यादातर में पार्किग की कोई व्यवस्था नहीं है। जिन जहां पर पार्किग है भी उनके साथ समस्या है कि वहां के दुकानदार उनका स्टॉफ अपनी गाड़ी पार्क करते है। ऐसी स्थिति में मार्केट में आने वाले ग्राहकों के लिए अपनी गाड़ी पार्क करने की कोई व्यवस्था नहीं है।

रोड के दोनों तरफ बनाई अस्थाई पार्किग

18 सौ मीटर की इस मार्केट के दोनों तरफ की रोड अस्थाई पार्किग की भेंट चढ़ गई है। दोनों तरफ दो पहिया और चार पहिया वाहनों की लंबी कतार दिन भर लगी रहती है। शाम 6 बजे के बाद दोनों तरफ लगने वाली लंबी कतार के चलते यहां से गुजरने वालों वाहनों की स्पीड 15 से 20 किमी प्रति घंटे रफ्तार की हो जाती है। यहां से निकला भी मुश्किल हो जाता है और हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है।

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साइकिल ट्रैक पर अस्थाई पार्किग

गोमती नगर के इस रूट्स रोड के बीचों बीच कभी नगर निगम स्थाई पार्किग चलता था, लेकिन साइकिल ट्रैक निर्माण के चलते नगर निगम के टेंडर को कौंसिल कर दिया गया था। बाद में साइकिल ट्रैक बना, लेकिन वर्तमान में यह ट्रैक लोगों के लिए अस्थाई रूप से दो पहिया की पार्किग बन गया है।

पब्लिक से बात-चीत

पुलिस अभियान चला रही है, लेकिन क्या पब्लिक के लिए कोई सॉल्यूशन दे रही है। गाड़ी कहां पार्क करें। रोड पर गाड़ी पार्क करते हैं तो क्रेन गाड़ी उठा लेती है और 11 सौ रुपये चार्ज करती है।

- राधेश्याम, स्थानीय निवासी

अगर पार्किग की व्यवस्था मेन मार्केट में होगी तो लोग आराम से गाड़ी खड़ी करके बाजार में घूम सकते हैं और खरीदारी कर सकते हैं। गाड़ी रोड पर खड़ी करनी पड़ती है। वही किसी एक को गाड़ी रोकनी पड़ती है तो समस्या शुरू हो जाती है।

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हजरतगंज की तरह गोमतीनगर इलाके में भी मल्टीलेवल पार्किग बन जाए तो जाम की समस्या से मुक्ती मिल सकती है। यह एरिया गोमती नगर में रहने वालों के लिए मेन मार्केट है। हर दिन हजारों लोग यहां खरीदारी करने आते है।

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आखिर अपनी गाड़ी कहां लगाए, मेन मार्केट के आस-पास कोई पार्किग नहीं है। रोड पर गाड़ी खड़ी नहीं कर सकते है। आस-पास की गलियों में लोगों के घरों के सामने गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है।

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Posted By: Inextlive