पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों में अनियमितताएं उजागर करने वाले आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका खट्टर सरकार को भी रास नहीं आए. खट्टर सरकार ने खेमका समेत 9 आईएएस अफसरों का तबादला किया है.


फिर हुआ आईएएस खेमका का ट्रांसफरहरियाणा की बीजेपी सरकार ने ईमानदारी और साफगोई के लिए फेमस आईएएस अफसर अशोक खेमका को किनारे लगा दिया. वर्तमान तबादले को मिलाकर खेमका अपने सर्विस कैरियर में 45 बार तबादला झेल चुके हैं. उन्हें परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पद से हटाकर पुरातत्व एवं संग्र्रहालय विभाग का सचिव और महानिदेशक नियुक्त किया गया है. खेमका इस विभाग को सजा मानते रहे हैं. मनोहर सरकार ने सीएम सचिवालय में भी बड़ा फेरबदल किया है. मुख्यमंत्री की अतिरिक्त प्रधान सचिव (प्रथम) सुमिता मिश्रा को मुख्यमंत्री कार्यालय से हटाकर पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव बनाया गया है. अचानक हुए इस बड़े बदलाव से पूरी अफसरशाही में खलबली मच गई है. सूत्रों के अनुसार सुमिता मिश्रा पिछली सरकार के कुछ विवादित फैसलों के फेर में आ गई हैं.नौ अधिकारियों के हुए तबादले
सरकार ने खेमका और सुमिता समेत नौ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं. आईएएस अशोक खेमका के तबादले से एक बार फिर चर्चाएं तेज हो गई हैं. उनकी परिवहन मंत्री से भी तकरार चल रही थी. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों एक इलेक्ट्रानिक चैनल को दिए इंटरव्यू में इस तरह की ट्वीटरबाजी पर एतराज जताते हुए अफसरों को अपना काम करने की नसीहत दी थी. तीन दिन बाद खेमका के तबादले के तौर पर उसका परिणाम भी सामने आ गया है. मनोहर सरकार में यह उनका पहला तबादला है.आखिर क्यों हटाए गए खेमकाआईएएस अशोक खेमका मनोहर सरकार में डंपर लाबी के निशाने पर थे. खेमका ने परिवहन विभाग के आयुक्त पद पर रहते हुए ओवर लोड डंपर पर रोक लगा दी थी और वाहन मालिकों को नियमों का अनुपालन करने के निर्देश दिए थे. सूत्रों के अनुसार सरकार से डंपर मालिकों ने अनुरोध किया था कि उनके बड़े आकार के वाहनों से एकमुश्त जुर्माना राशि वसूल कर ली जाए. इस संबंध में एक फाइल भी चली थी, लेकिन अभी तक यह फाइल लटकी हुई थी. सूत्रों के अनुसार यह मामला भी खेमका के तबादले का कारण बना है.साभार: दैनिक जागरण

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Posted By: Prabha Punj Mishra