- ऑपरेशन के दौरान नहीं थी एंबुलेंस, बेरीकेडिंग भी नहीं किया

-आसपास के मकान होंगे ध्वस्त, क्यों नहीं सोचा?

Meerut : चार मौतों का जिम्मेदार कौन है? इस सवाल का जबाव कैंट एरिया में बंगला नंबर 210 बी के ध्वस्तीकरण के बाद जनता चीख-चीखकर कह रही थी कि 'सब जिम्मेदार हैं। कैंट बोर्ड, पुलिस, प्रशासन। सब जिम्मेदार हैं.'

रिश्वतखोर कैंट बोर्ड

लापरवाही से हुए हादसे में चार जानें चली गई। पत्‍‌नी का सुहाग उजड़ गया तो मां का बेटा भी चला गया। रिश्वतखोर कैंट बोर्ड के अफसर हर निर्माण पर उगाही करते थे। बेहद लापरवाही से चलाए गए इस ऑपरेशन का इन्टेन्शन चार मौतों के बाद समाप्त होता नजर आया। रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करती हुई भीड़ कैंट बोर्ड को बड़ा जिम्मेदार मान रही है। अफसरों को कांप्लेक्स ढहाने से पहले पूरी बिल्डिंग में सर्च ऑपरेशन चलाना चाहिए था। बिल्डिंग के आसपास एरिया को भी खाली कराया जाता है।

कहां थी एंबुलेंस?

ऑपरेशन से पहले एंबुलेंस से लेकर डाक्टरों की टीम साथ रहती है। अफसोसजनक है कि बड़े हादसे के दौरान एक भी एंबुलेंस मौके पर नहीं थी। हादसा होने के बाद एडीएम प्रशासन के आदेश पर मौके पर एंबुलेंस तैनात की गई। फायर बिग्रेड को भी कैंट बोर्ड ने अलर्ट नहीं किया था।

पुलिस की भी जिम्मेदारी

डंडा लेकर वसूली करने आ जाते हैं और मौत पर खामोश हैं। पब्लिक की खरी-खोटी सुन-सुनकर पुलिस अधिकारी शनिवार को हादसे के बाद आजिज आ गए। अफसोस वश में कुछ नहीं था। पुलिस अफसरों को भी देखना चाहिए था कि जिस बिल्डिंग को जमींदोज करने जा रहे हैं, उसके लिए नियमावली का पूरी तरह पालन हुआ या नहीं। यदि कैंट बोर्ड को पुलिस मुहैया नहीं कराई जाती तो खुद बिल्डिंग को जमींदोज करने की हिम्मत कैंट बोर्ड नहीं दिखाता।

हाथ हिलाते पहुंच गए अफसर

लावलश्कर और इंतजामों को दरकिनार कर प्रशासनिक अधिकारी हाथ हिलाते हुए घटनास्थल पर पहुंच गए। प्रशासनिक अफसरों को भी कैंट बोर्ड की ओर से बिल्डिंग गिराने के आदेश पर संस्तुति नहीं करनी चाहिए थी। बिल्डिंग गिराने से पहले डाक्टरों की टीम से लेकर एंबुलेंस का पूरा इंतजाम होता है। कैंट बोर्ड खुद में पूरी तरह से सक्षम होता है। इसके बावजूद भी प्रशासनिक अफसरों को देखना चाहिए था कि कैंट बोर्ड ने बिल्डिंग गिराने के सभी इंतजाम किए है या नहीं। यदि पहले से ही पूरी नियमावली को गंभीरता से देखा जाता तो चार जानें बचाई जा सकती थी।

---

वर्जन

कैंट बोर्ड का कोई अधिकारी भी हादसे के बाद नहीं मिला है। पूरी तरह से कैंट बोर्ड की लापरवाही सामने आई है। पुलिस और प्रशासन के अफसर ही मौके पर मौजूद रहे है।

-दिनेश चंद्र, कार्यवाहक डीएम

--

कैंट बोर्ड पूरी तरह से खुद ही सक्षम होता है। इस हादसे में पूरी तरह से कैंट बोर्ड की गलती है क्योंकि बिल्डिंग गिराने के लिए एक्सपर्ट तक नहीं बुलाए गए है। यही कारण है कि पूरी बिल्डिंग गिरने से ही मलबा बाहर की ओर गिरा, जिसके चलते चार लोग दब गए।

-सुजीत पांडेय, आईजी, मेरठ जोन

Posted By: Inextlive