- आगरा यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड थे पैसिफिक कॉलेज के कोर्स

- 2005 में गवर्नर ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी में किया था ट्रांसफर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी और पैसिफिक कॉलेज के बीच का खींचा-तानी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां कॉलेज के स्टूडेंट्स एग्जाम कराने को लेकर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी ने भी अब तक एग्जाम की डेट डिक्लेयर नहीं की है। गलतियां करने वाले यूनिवर्सिटी और कॉलेज दोनों एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं, लेकिन इसमें फ्यूचर स्टूडेंट्स का ही खराब हो रहा है। आई नेक्स्ट ने जब इस मामले में जांच पड़ताल की तो यह बात सामने आई कि इसमें इनिशियल लेवल पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी जिम्मेदार है, जबकि बाद में पैसिफिक कॉलेज ने भी गलती की है। इन दोनों की गलती का खमियाजा न चाहते हुए भी स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है।

आगरा यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था कोर्स

आई नेक्स्ट ने जब मामले की जांच की तो यह बात सामने आई कि पैसिफिक कॉलेज में चल रहा यह कोर्स पहले आगरा यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था। सोर्सेज की माने तो 2005 में गवर्नर के इंटरफेयरेंस के बाद यह फैसला हुआ कि कोर्स जहां चल रहा है, वह कॉलेज जिस ज्यूरीडिक्शन में संचालित है उसे वहां लोकल लेवल पर एफिलिएशन दिया जाए। इसलिए यह कोर्स गोरखपुर यूनिवर्सिटी ट्रांसफर कर दिया गया और पैसिफिक कॉलेज को मान्यता दे दी गई। अब यहां पर यूनिवर्सिटी ने पहली और बड़ी गलती कर डाली। उन्होंने आनन-फानन में कोर्स को यहां से कंडक्ट कराना तो शुरु कर दिया, लेकिन इसे अपनी परिनियमावली में शामिल नहीं किया। वहीं गवर्नर हाउस से इससे रिलेटेड आई क्वेरी का जवाब भी नहीं दिया। यूनिवर्सिटी की गलती का नतीजा यह हुआ कि एफिलिएशन मिलने के बाद भी कोर्स इनवैलिड हो गए।

जिम्मेदार कौन? जांच जारी है

स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर भारी इस लापरवाही की इनिशियल लेवल पर जिम्मेदार तो गोरखपुर यूनिवर्सिटी है, लेकिन यहां पर किस अधिकारी और कर्मचारी की गलती है यह अब तक तय नहीं हो सका है। इस मामले में जांच चल रही है। वहीं पैसिफिक कॉलेज की गलती यह है कि उन्होंने नियमावली के अगेंस्ट सेशन 2012-13 में एंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराया और एडमिशन ले लिया। रजिस्ट्रार की मानें तो अपनी गलती को मानते हुए उन्होंने जून में माफीनामा भी यूनिवर्सिटी में सब्मिट किया। नियम के अगेंस्ट एडमिशन लेने की वजह से उन स्टूडेंट्स का फ्यूचर अधर में लटक गया है।

परिनियमावली में शामिल कराने के लिए प्रॉसेस चल रही है। प्रॉसेस कंप्लीट होने तक स्टूडेंट्स थोड़ा धैर्य रखें, जल्द ही उनका एग्जाम करा दिया जाएगा। वहीं अनियमितता किसके लेवल पर हुई है, इसको लेकर जांच चल रही है। जिम्मेदारों की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।

- एसके शुक्ला, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive