अमेरिका की तरफ से फंडिंग रोके जाने के बाद डब्ल्यूएचओने कहा कि यह दुनिया के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़ा होने का समय है। वहीं चीन और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने ट्रंप की निंदा की है।

जेनेवा/वॉशिंगटन (रॉयटर्स)विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संस्थान के लिए फंड रोकने के फैसले पर पछतावा है लेकिन यह दुनिया के लिए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़ा होने का समय है। बता दें कि ट्रंप के इस फैसला का दुनिया भर में लोग निंदा कर रहे हैं क्योंकि वैश्विक स्तर पर संक्रमण का आकड़ा 20 लाख पार कर चुका है। ट्रंप ने मंगलवार को डब्ल्यूएचओ के लिए फंडिंग रोक दी। इस महामारी को लेकर अपने प्रशासन की प्रतिक्रिया की आलोचना करने के लिए गुस्साए ट्रंप एक तरह से डब्ल्यूएचओ को अपना दुश्मन मान चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिनेवा-स्थित संगठन ने वायरस के बारे में चीन के 'दुष्प्रचार' को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण दुनिया में संभवतः यह वायरस तेजी से फैला है अन्यथा यह नहीं फैलता।

डब्ल्यूएचओ ने कहा, काम के प्रभाव की कर रहे हैं समीक्षा

डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेबिरीयीसस ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अमेरिका डब्ल्यूएचओ का एक लंबे समय से स्थायी और उदार मित्र रहा है और हमें उम्मीद है कि यह आगे भी रहेगा। टेड्रोस ने कहा कि अमेरिकी फंडिंग को रोकने से हमारे काम पर क्या प्रभाव पड़ेगा, हम इस बात की समीक्षा कर रहे हैं और हम भागीदारों के साथ काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारा काम निर्बाध रूप से जारी रहे।' वहीं, वैश्विक स्वास्थ्य प्रचारक और डोनर बिल गेट्स ने ट्वीट किया कि दुनिया में इस संकट के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए फंडिंग रोकना उतना ही खतरनाक है जितना कि सुनने में लगता है ... दुनिया को इस वक्त पहले से कहीं ज्यादा डब्ल्यूएचओ की जरूरत है।

चीन ने कहा, यह निर्णंय सभी देशों को करेगा प्रभावित

ट्रंप को इस निर्णय के बाद दुनिया भर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने अमेरिका से डब्ल्यूएचओ के लिए अपने दायित्वों को पूरा करने का आग्रह किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी इस वक्त एक महत्वपूर्ण चरण में है और अमेरिका का यह निर्णय सभी देशों को प्रभावित करेगा। वहीं, जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने दोष लगाने से मदद नहीं मिलती। बुधवार को ट्विटर पर मास ने कहा, 'वायरस कोई सीमा नहीं जानता है। हमें कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर काम करना होगा।' इसके अलावा न्यूजीलैंड का प्रधानमंत्री जैकिंडा अरदन ने कहा, 'ऐसे समय में जब हमें जानकारी साझा करने की आवश्यकता होती है और हमें सलाह देने की आवश्यकता होती है जिस पर हम भरोसा कर सकते हैं, डब्ल्यूएचओ ने प्रदान किया है। हम इसका समर्थन करते रहेंगे और अपना योगदान देते रहेंगे।'

ऑस्ट्रेलिया का बयान

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि वह ट्रंप की डब्ल्यूएचओ की आलोचनाओं के प्रति सहानुभूति रखते हैं। उन्होंने कहा कि हैरान करने वाली बात यह है कि डब्ल्यूएचओ चीन के उस बाजार को खोलने की बात कर रहा है, जहां से यह वायरस फैला। मॉरिसन ने बुधवार को एक ऑस्ट्रेलियाई रेडियो स्टेशन को बताया, 'लेकिन एक संगठन के रूप में भी डब्ल्यूएचओ हमारे लिए कई महत्वपूर्ण काम करता है और हम इसके साथ मिलकर काम करते हैं। हम यहां बच्चे को नहाने के पानी से बाहर नहीं निकलने जा रहे हैं लेकिन वे आलोचना से भी दूर नहीं हैं और चीजों को बेहतर करने की जरुरत है।

Posted By: Mukul Kumar