खनन काली कमाई और यूपी के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति का एमएलसी रमेश मिश्रा से 'गहरा' नाता रहा है। सीबीआई की टीम ने एमएलसी रमेश मिश्रा के नौबस्ता रोड स्थित घर पर छापा मारकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।

* सीबीआई ने कानपुर में एमएलसी रमेश मिश्रा के घर पर मारा छापा
* छापेमारी में जब्त किए अहम दस्तावेज, गड़बड़ी के भी मिले सबूत
* दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पहले ही किया था पूरे 'खेल' का खुलासा
* सिंडिकेट की कमान संभालने के बाद खदानों में अपने गुर्गों को बैठाया
* रमेश मिश्रा ने सारा सिस्टम मोबाइल से ऑपरेट करना शुरू कर दिया
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KANPUR: हमीरपुर, महोबा समेत आसपास जिले में खुलेआम अवैध खनन करवाने वाले गिरोह का सरगना रमेश मिश्रा रहा है। बड़ा 'प्यादा' पर शिकंजे में यूपी की तत्कालीन सपा सरकार में खनन के 'खेल' में गायत्री प्रजापति का सबसे खास 'प्यादा' रहा रमेश मिश्रा अब सीबीआई के शिकंजे में आ चुका है। सैटरडे को सीबीआई की टीम ने एमएलसी रमेश मिश्रा के नौबस्ता रोड स्थित घर पर छापा मारकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं। इसके अलावा सीबीआई को अवैध खनन के सरगना रहे रमेश मिश्रा की काली कमाई के बारे में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। हमने पहले ही खोल दी थी पोल आपके अखबार दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने दो वर्ष पहले ही रमेश मिश्रा का काला चिट्ठा खोल दिया था। लेकिन तब सत्ता के असर में इस पूरे मामले को दबा दिया गया था। छापे में सीबीआई को एमएलसी रमेश मिश्रा के घर से कुछ बेनामी संपत्ति के भी दस्तावेज मिले हैं।

धीरे-धीरे ये चेन बड़ी होती गई

मौदाहा के इमलिया गांव के रहने वाले एमएलसी रमेश मिश्रा तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के सबसे करीबी रहे हैं। पूर्व मंत्री के हर काम में रमेश मिश्रा की बराबरी की हिस्सेदारी रही। इसी वजह से अवैध खनन के सिंडिकेट का प्रमुख रमेश मिश्रा को बनाया गया। सपा सरकार में अवैध खनन का काला 'कारोबार' पूरी रफ्तार से दौड़ा। रमेश मिश्रा हमीरपुर और आसपास के एरिया में जो खदान चलाते थे। उसका पट्टा उनके भाई दिनेश के ही नाम पर था। दिनेश ने ही प्रदेश के पुराने खनन माफियाओं को एक-एक करके रमेश से मिलवाया और धीरे-धीरे ये चेन बड़ी होती गई। तत्कालीन सपा सरकार में जमकर खेल खेला गया।

जानें काैन हैं रमेश मिश्रा

एमएलसी रमेश मिश्रा मूलरूप से हमीरपुर मौदाहा के इमलिया गांव निवासी हैं। उनके पिता कुंवर बहादुर मिश्रा टीचर थे, जो बाद में चुनाव लड़कर मौदाहा के विधायक भी बन गए थे। रमेश को मिलाकर चार भाई हैं। सबसे बड़ा भाई किसानी करता है। दूसरा भाई राकेश मिश्रा प्रॉपर्टी का काम करता है। तीसरे भाई दिनेश के साथ मिलकर रमेश अवैध खनन का कारोबार करता था। दिनेश आजाद नगर के गीतापार्क के पास स्थित एक फ्लैट में रहता है। बताया जाता है कि रमेश मिश्रा जो खदान चलाते थे। उसका पट्टïा भाई दिनेश के ही नाम पर था। दिनेश ने ही खनन माफियाओं को एक-एक कर रमेश को सिंडिकेट की कमान दिलाई थी

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Posted By: Shweta Mishra