पूरे हफ्ते काम करने के बाद हम सब वीकेंड की प्लानिंग करते है। प्‍लानिंग में सबसे ज्‍यादा जोर होता है कि इस हफ्ते कौन सी फिल्‍म रिलीज होने वाली है। आप को तो पता ही होगा कि बॉलीवुड में फिल्में फ्राइडे को ही रिलीज होती हैं। क्या आपको पता है कि हिन्दी सिनेमा की फिल्में फ्राइडे को ही क्यों रिलीज होती हैं। जनाब आप क्‍या शायद ही किसी को पता होगा कि ऐसा क्‍यों होता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि फ्राईडे के दिन फिल्‍म रिलीज करने के पीछे असली वजह क्‍या है।


बॉलीवुड की पहली फिल्म हुई थी मंडे को रिलीजबॉलीवुड मूवीज का फ्राइडे को रिलीज होने का चलन हॉलीवुड से आया है। हॉलीवुड की चर्चित फिल्म गॉन विद द विंड 15 दिसम्बर 1939 में फ्राइडे को रिलीज हुई थी। तब से वहां पर कोई भी मूवी फ्राइडे को ही रिलीज होती है। फिल्म का प्रीमियर थर्सडे यानी गुरुवार को ही होता है। भारत में फ्राइडे को फिल्म रिलीज करने का चलन 1950 के अंत में शुरू हुआ था। हिन्दी सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाने वाली फिल्म नील कमल 24 मार्च 1947 को सोमवार के दिन रिलीज हुई थी। मुगल-ए-आजम हुई थी फ्राईडे को रिलीज


जबकि क्लासिक फिल्म मुगल-ए-आजम वो पहली फिल्म थी जो 5 अगस्त 1960 फ्राइडे को रिलीज हुई थी। इस फिल्म की सफलता को देखते हुए बॉलीवुड की फिल्मों को फ्राइडे के दिन रिलीज करने का रिवाज़ शुरू हो गया। उस दौर में भरत में कलर टीवी नहीं आए थे। वैसे शुक्रवार को फिल्म रिलीज होने की एक वजह ये भी है कि शनिवार और रविवार दो दिन ज्यादा दफ्तरों और स्कूलों में छुट्टी रहती है। ऐसे में फिल्म का कारोबार बॉक्स ऑफिस पर अच्छा हो इसलिए शुक्रवार को रिलीज की जाती हैं।इन वजहों से फ्राईडे को रिलीज होती हैं फिल्मे

शुक्रवार को धन की देवी लक्ष्मी जी का दिन भी माना जाता है। इसलिए फिल्म निर्माताओं का विश्वास है कि शुक्रवार के दिन फिल्म रिलीज होने से लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से फिल्म में अच्छी कमाई होने की सम्भावना होती है। इतना ही नहीं फिल्मों के निर्माता फिल्म को शुरू करने का मुहूर्त भी फ्राइडे के दिन ही रखते हैं।  उसी दिन नारियल फोड़ कर फिल्म की शुरुआत करते हैं। इसके पीछे एक व्यवसायिक कारण यह भी है कि फिल्म की स्क्रीनिंग फीस मल्टीप्लेक्सेस में फ्राइडे को छोड़कर हफ्ते के बाकी दिनों में ज्यादा होती है।

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Posted By: Prabha Punj Mishra