On the big screen Hindi film actors may defy stereotypes but when it comes to TV commercials things are a bit too cliched...

आमिर खान एक बार फिर ऐड में वुमन कैरेक्टर प्ले करते नजर आएंगे. इससे पहले भी वह ऐड के लिए दो बार वुमन कैरेक्टर में नजर आ चुके हैं. इसमें कोई शक नहीं कि आमिर एक्सपेरिमेंट्स काफी करते हैं और उनकी यह इमेज कई सालों से बनी हुई है. लेकिन क्या हम शाहरुख खान और सलमान खान जैसे एक्टर्स को भी साड़ी में इमैजिन कर सकते हैं?
Jo dikhta hai woh bikta hai
इसमें कोई शक नहीं है कि स्टार की ऑनस्क्रीन इमेज ही ब्रांड या प्रॉडक्ट की सेलिंग बढ़ाती है. यही रीजन है कि एक्टर्स इसलिए चुने जाते हैं क्योंकि ब्रैंड्स उनकी एबिलिटी पर पूरा भरोसा करते हैं. इस ट्रेंड में एक क्वेश्चन भी जुड़ा है, वह यह कि एक्टर्स फिल्मों में तो अपनी इमेज को लेकर एक्सपेरिमेंट करते हैं लेकिन ऐड करते वक्त वह पुरानी इमेज से ही क्यों चिपके रहते हैं? क्या यह अच्छा नहीं होता कि ऐड में सैफ अली खान नवाबी बैकग्राउंड से थोड़ा हटकर और रणबीर कपूर नॉटिनेस से कुछ अलावा कुछ अलग करते दिखाई दें. अक्सर कहा जाता है कि बॉलीवुड स्टार्स फिल्मों में एक रोल में बंधना नहीं चाहते हैं, पर ऐड के मामले में वह इसे फॉलो करते दिखाई नहीं देते हैं.
Image is everything    
अक्षय कुमार को ही लीजिए. अक्की ने अपना करियर एक्शन स्टार से शुरू किया था, धीरे धीरे वह कॉमेडी फिल्में करने लगे, बावजूद उन्होंने जितने भी ऐड किए उसमें वह अपने एक्शन अवतार में ही नजर आए. क्यों? जवाब थिएटर पर्सनालिटी राहुल डा चुन्हा देते हैं, ‘अक्षय ने रीसेंटली स्पेशल 26 फिल्म की है जिसमें वह न तो एक्शन स्टार बनकर उभरे और न ही उनका कॉमिक कैरेक्टर ही सामने आया. लेकिन तब भी वह सीरियस रोल्स के लिए नहीं जाने जाते हैं. उनकी एक ऐसे पर्सन की इमेज बन चुकी है जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए एक से दूसरी बिल्डिंग पर छलांग लगा सकता है.’ 

Personality matters  
ऐड फिल्ममेकर फिल्म डायरेक्टर आर बाल्की मानते हैं कि ब्रैंड अपने प्रोडक्ट के लिए किसी सेलेबल पर्सनालिटी को ही चूज करते हैं. वहीं लिरिसिस्ट और ऐड फिल्ममेकर प्रसून जोशी का मानना है कि ऐड्स में एक्टर्स के एडमायरेबल ट्रेट्स पर फोकस किया जाता है. वह कहते हैं, ‘जब हमने सलमान के साथ क्लोरोमिंट का शॉट किया था हमने उनकी ह्यूमरस साइड पर फोकस किया था, क्यों? क्योंकि हम उनके फनी नेचर से फैमिलियर हैं. वे स्टार्स हैं लेकिन वे उस ब्रैंड के मैसेंजर भी हैं जिसे वह एंडोर्स करते हैं. हर एक्टर में कुछ न कुछ अट्रैक्ट करने वाली बात होती है, हमारा काम उसे ढूंढना और प्रेजेंट करना होता है.’

Beyond stereotypes
ऐडमेकर प्रह्लाद कक्कड़ ने कहा, ‘बिग बी ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने किसी इमेज में बंधकर काम नहीं किया है बल्कि उन्होंने इमेज तोडऩे का काम किया है. वह किसी भी प्रॉडक्ट को बेच सकते हैं.’ बात अगर इरफान खान की करें तो वह कॉमेडी रोल्स में कम ही दिखाई देते हैं लेकिन ऐड में वह फनी वन लाइनर्स बोलते नजर आते हैं. फिल्ममेकर अभिनय देव की मानें तो, ‘कैमरे के पीछे एक्टर्स कैसा बिहेव करते हैं, इसके कुछ परसेप्शन भी हैं.’ देव एग्जाम्पल के तौर आमिर को लेते हैं और कहते हैं कि वह बहुत ऑनेस्ट हैं, वह सोशल अवेयरनेस कैंपेन भी करते रहते हैं लेकिन ऐड में बिल्कुल अलग दिखते हैं.

Posted By: Kushal Mishra