Allahabad: एसिड अटैक. कल्पना मात्र से कलेजा कांप उठता है. रोंगटे खड़े हो जाते हैं. इनोसेंट लड़कियां भला इस दर्द को कैसे बर्दाश्त करती होंगी जो एसिड अटैक का शिकार बनती हैं. इलाहाबाद रेंज में ही पिछले छह महीने में ऐसे दो केस सामने आ चुके हैं. दिल्ली की लक्ष्मी ने आवाज उठाई तो सुप्रीम कोर्ट गंभीर उठा और केन्द्र सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेने पर मजबूर होना पड़ा. ट्यूजडे को गर्वनमेंट ने फैसला लिया कि तेजाब खरीदने वाले को पहचान पत्र के साथ मोबाइल नंबर भी देना होगा. नाबालिग इसे नहीं खरीद सकेंगे. इसी परिप्रेक्ष्य में आई नेक्स्ट ने किया रियलिटी चेक.



खुलेआम बिकता है acid

आई नेस्क्ट के रियलिटी चेक में आडी की बात तो दूर शॉप ओनर टीनएजर्स को भी एसिड देते दिखे। डीआईजी कार्यालय के निकट ंिस्थत आनंद स्टोर पर टीम एसिड की बोतल खरीदने पहुंची तो शाप ओनर ने बिना किसी झिझक के पांच सौ एमएल की बोतल पकड़ाई और बीस रुपए मांग लिए। इसके बाद टीम तुलारामबाग स्थित छेतानी की दुकान पर पहुंची। यहां भी शाप ओनर ने बिना किसी जांच पड़ताल के आधा लीटर की बोतल टीम को दे दी। इसके बाद टीम जार्जटाउन एरिया में पहुंची। यहां भी शॉप ओनर ने एसिड की बोतल मांगने पर आसानी से दे दी.

आसानी से होता है उपलब्ध

टॉयलेट क्लीनर के रेट से सस्ता होने की वजह से लोग एसिड खरीदना ज्यादा पंसद करते हैं। इसी से इसकी रीच परचून की दुकानों तक पर हो गई है। सिटी की अधिकतर जनरल मर्चेंट की शॉप पर लोगों को आसानी से उपलब्ध हो जाता है। मार्केट में बिकने वाले एसिड की कीमत बीस से लेकर पचास रुपए तक है। रेट क्वालिटी पर बेस्ड है.

 एक शॉप से दस बोतल की ब्रिकी

सोहबतियाबाग के दुकानदार शेखर बताते हैं कि महीने में दस एसिड की बोतल बिक जाती है। सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद इसकी बिक्री बंद करने की सोच रहे हैं। सिटी में लगभग चार हजार से अधिक जनरल मर्चेंट की शॉप हैं। ऐसे में एसिड की ब्रिकी करीब सिटी में चालीस हजार है। सिविल लाइंस के दुकानदार पप्पू गुप्ता बताते हैं कि घरों में यूज होने वाला एसिड डायल्यूटेड होता है। इसमें एक लीटर में प्योर एसिड की मात्रा कुछ कम होती है। फिर भी यह इतना ज्वलनशील होता है कि किसी के फेस को झुलसा सकता है। ज्वैलरीज को चमकने के लिए जिस एसिड का यूज किया जाता है वह इससे कहीं अधिक तेज होता है। मार्केट में उपलब्ध हाईड्रो क्लोरिक एसिड, सलफ्यूरिक एसिड व नाइट्रिक एसिड आसानी से कही भी किसी मर्चेट की शाप मिल जाएंगे मगर नाइट्रिक एसिड मार्केट में आसानी से उपलब्ध नहीं होता है.

एडमिनिस्ट्रेशन ने नहीं उठाया कदम

तेजाब की खुली ब्रिकी जोरों पर चल रही है। लेकिन, अभी तक डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस की तरफ कोई पहल नहीं हुई है। सिटी में न तो कोई कंट्रोल रूम स्थापित किया और न ही कोई कंप्लेंट सेल बनाया गया है। लास्ट कुछ सालों में जिले में कई मामले एसिड अटैक के सामने आ चुके हैं। फिर भी एडमिनिस्ट्रेशन गंभीर नहीं है.

 

जिले में हुई घटनाएं
 
मई महीने में घूरपुर थाना के बीरवल गांव में रहने वाली 15 साल की बृजरानी पर गांव के ही मंजू ने घर के अंदर घुसकर तेजाब फेंक दिया था। मामला छेड़खानी को लेकर था इसलिए पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। एक अन्य घटना में प्रतापगढ़ में एग्जाम देने के लिए आई एक छात्रा पर उसके सिरफिरे आशिक ने तेजाब फेंक दिया था। मई महीने में हुई इस घटना के बाद छात्रों के चेहरे की हालत सुधर नहीं सकी है.

एसिड बिक्री की नई गाइड लाइन

-सिर्फ वयस्क व्यक्ति को एसिड बेचा जा सकेगा
-खरीदने वाले को फोटो पहचान पत्र पेश करना होगा
-अपना मोबाइल नंबर दुकानदार को नोट कराना होगा
-फुटकर विक्रेताओं के लिए लाइसेंस सिस्टम होगा


आरोपी के लिए सजा

एसिड अटैक मामले में गिरफ्तार व्यक्ति पर पर ट्रायल के दौरान दोष साबित होने पर उसे दस साल की कैद व एक लाख रुपए तक जुर्माना की सजा का प्रावधान है. 

 

Report by
Ajeet singh


 

Posted By: Inextlive