- महिलाओं को है समानता का अधिकार, कार्यस्थल पर नहीं कर सकते भेदभाव

- सैक्सुअल हैरेसमेंट के खिलाफ महिलाओं को हैं कई अधिकार, आप कीजिए इस्तेमाल

GORAKHPUR:

महिलाओं को अक्सर वर्किंग प्लेस पर सैक्सुअल हैरेसमेंट का शिकार होना पड़ता है। कुछ इसके खिलाफ आवाज उठाती हैं लेकिन अधिकतर लोकलाज के भय से चुप रह जाती हैं। लेकिन, आपको कानून से पूरे अधिकार हासिल हैं कि आप इसके खिलाफ आवाज उठा सकें। लिंग भेद के आधार पर न तो कोई आपको वेतन कम दे सकता है और न ही सैक्सुअल हैरेसमेंट कर सकता है। अपने सिटी में भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं, जिसके खिलाफ महिलाएं अब मुखर हो रही हैं। यदि आपके साथ भी कहीं कुछ ऐसा हो रहा है तो आप अपने अधिकार जानिए और इसका इस्तेमाल कीजिए।

केस-1

तीन माह पूर्व एडी हेल्थ के ऑफिस में तत्कालीन एडी हेल्थ पर एक महिला कर्मचारी ने उत्पीड़न का आरोप लगाया। महिला की बात यहां नहीं सुनी गई तो उच्चाधिकारियों से भी कंप्लेन की। महिला का आरोप था कि अफसर परेशान करते थे और कार्रवाई की धमकी देते थे।

केस-2

पिछले माह ही मेडिकल कॉलेज की एक स्टाफ नर्स ने एक डॉक्टर पर सैक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत प्रिंसिपल व पुलिस से भी की थी। कंप्लेन के बाद स्टाफ नर्स को बाहर करने की भी धमकी मिली लेकिन जब वह अपने अधिकारों के लिए सजग हुई तो सब पीछे हो गए।

नो योर राइट्स

Posted By: Inextlive