खबर है कि इंटरनेट सर्च इंजन गूगल को विकिलीक्‍स ने घेर लिया है. विकिलीक्‍स ने गूगल पर आरोप लगाया है कि उसने इसके वरिष्‍ठ अधिकारियों के ईमेल और इलेक्‍ट्रॉनिक डेटा को अमेरिका के अधिकारियों को सौंप दिया है. सिर्फ इतना ही नहीं जानकारी देने के बाद भी तीन साल तक उन्‍हें इस बात की खबर तक नहीं दी गई. तीन साल तक वह इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ रहे.

विकिलीक्स ने बताया  
गूगल पर लगाये आरोपों को लेकर खुलासे करने वाली वेबसाइट विकिलीक्स की ओर से बयान जारी किया गया, 'आज विकिलीक्स के वकीलों ने गूगल और अमेरिका के न्याय विभाग को निजता (प्राइवेसी) और विकिलीक्स कर्मचारियों के पत्रकारीय अधिकारों का गंभीर उल्लंघन होने के बारे में साफ-साफ लिखा है.' मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारियों के बारे में सारी सूचना अमेरिका के अधिकारियों को पांच अप्रैल 2012 को दे दी गई. इसके बावजूद गूगल ने 23 दिसंबर तक उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं दी.
क्या हुआ था 2010 में
बताते चलें कि 2010 में अफगानिस्तान और इराक में युद्ध पर पांच लाख गोपनीय सैन्य फाइलों को जारी करने और साथ ही ढाई लाख कूटनीतिक केबल का खुलासा करने के बाद से विकिलीक्स को निशाना बनाया जाता रहा है.
क्या कहा गूगल ने
इस पूरे मामले में जब गूगल से टिप्पणी करने के लिये कहा गया तो उसने एएफपी को कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन हां, कंपनी ने द गार्डियन अख़बार से यह बात जरूर कही, 'हम किसी अन्य कंपनी की तरह कानून का पालन करते हैं.' ऐसे में गूगल ने कहा कि हमें जब अदालत का आदेश मिलेगा, उस समय हम यह देखेंगे कि यह कानून के मुताबिक है या नहीं है. इसके बाद भी अगर ऐसा नहीं होगा तो हम आपत्ति जरूर करेंगे.

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Posted By: Ruchi D Sharma