-अब तक 25 हजार प्रति एकड़ दिया जाता है किसानों को मुआवजा

देहरादून, सरकार राज्य में वन्य जीवों द्वारा फसलों के नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे की राशि को बढ़ाने जा रही है। सरकार का कहना है कि यकीनन वन्य जीवों के कारण फसलों के नुकसान के लिए मुआवजे की राशि को बढ़ाने का वक्त आ गया है। अब तक 2012 में तय किए गए नियमों के तहत ही मुआवजा दिया जाता रहा है।

फसलों का मुआवजा नहीं मिल रहा

बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में बीजेपी विधायक हरबंस कपूर ने वन मंत्री से जानना चाहा कि किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने के मामले में सरकार कितना मुआवजा देती है। इस पर वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि मानव वन्य जीव संघर्ष राहत निवारण निधि नियमावली 2012 के तहत किसानों को 25 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है, जो पांच हजार प्रति बीघा है। इस पर विपक्ष ने किसानों के लिए मुआवजा राशि कम होने को लेकर हो-हल्ला शुरू कर दिया। सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक हीरा सिंह बिष्ट ने भी मांग की कि नकरौंदा में किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाई है। वहीं बीजेपी विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि छिद्दरवाला में भी यही हाल है। बीजेपी सदस्य हरबंस कपूर ने कहा कि मानक कब निर्धारित किए गए।

सीएम ने दिए वन मंत्री को निर्देश

सीएम ने इसके लिए वन मंत्री को निर्देश दिए हैं। वन मंत्री ने नियमावली 2012 का हवाला दिया। अब तक 25 हजार प्रति एकड़ मुआवजा राशि तय है। पांच हजार प्रति बीघा के हिसाब से गन्ने की क्षतिपूर्ति, गेंहू-तिलहन की 15 हजार और बाकी फसलों की क्षतिपूर्ति आठ हजार रुपए प्रति एकड़ दी जाती है। इस पर विपक्षी सदस्य नहीं माने और हंगामा करने लगे। उसके बाद सीएम हरीश रावत ने अपनी सीट पर खड़े होकर स्पष्ट किया कि यकीनन वक्त आ गया है कि क्षतिपूर्ति की दरें रिवाइज्ड की जाएं। इस बावत मुख्यमंत्री ने वन मंत्री को मुआवजे की दरें संशोधित करने के आदेश दिए।

Posted By: Inextlive