- लगातार बिज्जू दिखाई देने से वन महकमा परेशान, तमाम इलाकों से आ रहे फोन कॉल्स

- आधे दर्जन से अधिक इलाकों में पिंजरे लगाए गए, जानकार बोले बिज्जू ने नहीं कोई खतरा

देहरादून,

दून में बंदर, हाथी, लैपर्ड, संाप के बाद अब बिज्जू का भी खौफ लोगों को सताने लगा है। बिज्जू एक मुर्दाखोर एनिमल है, कहावत है कि बिज्जू कब्र तक खोद डालता है। इसी कारण इसे कब्र बिज्जू के नाम से भी लोग जानते हैं। रिहायशी इलाकों में कई बार फॉरेस्ट की टीम बिज्जू को रेस्क्यू कर चुकी है। लगातार आबादी में देखे जाने के कारण लोग इस एनीमल से डरे हुए हैं, इसे देखते हुए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम ने बिज्जू पकड़ने के लिए आधा दर्जन से ज्यादा एरियाज में पिंजरे लगाए हैं।

आबादी में जंगली जानवर बने मुसीबत

देहरादून व आसपास के रिहायशी इलाकों में वाइल्ड एनिमल्स का माइग्रेशन बढ़ रहा है, जिससे वाइल्डलाइफ-ह्यूमन कॉन्फिल्कि्ट बढ़ने की आशंका गहराने लगी है। बंदर, लैपर्ड, सांप और हाथियों के आबादी में घुसने से पहले ही दूनाइट्स को जान-माल का खतरा बना हुआ है। इस दौरान एक और वाइल्ड एनिमल बिज्जू का आबादी में लगातार दिखना भी दूनाइट्स के खौफ का कारण बन रहा है। कुछ दिन पहले ही किशन नगर एरिया स्थित एक घर में बिज्जू घुस गया था, स्थानीय लोग उसे लैपर्ड समझ बैठे, खूब हंगामा हुआ। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत कर एनिमल को दबोचा तो वह बिज्जू निकला।

सचिवालय में भी घुस चुका बिज्जू

सिर्फ आबादी एरिया ही नहीं सरकारी गेस्ट हाउस बीजापुर और सचिवालय में भी बिज्जू रेस्क्यू किया जा चुका है। सचिवालय में एडिश्नल चीफ सेक्रेटरी के ऑफिस में बिज्जू घुस गया था। इसके बाद तो सिटी के कई एरियाज से बिज्जू दिखाई देने की फोन कॉल्स लगातार फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को मिल रही हैं।

यहां लगाए गए पिंजरे

डीएल रोड

इंदर रोड

मोहनी रोड

सर्कुलर रोड

डिफेंस कॉलोनी

कांवली रोड

लोगों को कर रहे अवेयर

फॉरेस्ट डिपार्टमेंट रेस्क्यू टीम के मेंबर रवि जोशी बताते हैं कि बिज्जू पकड़ने के लिए लगातार कॉल्स आ रही हैं। इसे देखते हुए आधा दर्जन एरियाज में पिंजरे भी लगाए गए हैं। लोगों को भी अवेयर किया जा रहा है कि बिज्जू से डरें नहीं, तुरंत रेस्क्यू टीम को जानकारी दें। बिज्जू रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिए जाएंगे।

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जानिए क्या है बिज्जू

मिथ

प्रचलित धारणा है कि बिज्जू मुर्दाखोर एनिमल है, जो भोजन प्राप्त करने के लिए कब्र तक खोद डालता है और मुर्दे खाकर पेट भरता है।

फैक्ट

साइंटिस्ट्स बताते हैं कि बिज्जू अर्बन, वाइल्ड एनिमल है। यह शांतिप्रिय जीव है और इससे इंसान को किसी तरह का खतरा नहीं है।

बिज्जू की कॉमन पाम सिवेट स्पेसीज

वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के साइंटिस्ट डॉ विभास पांडव के मुताबिक दून सहित उत्तराखंड में कॉमन पाम सिवेट नाम की एनिमल स्पेसीज पाई जाती है। ये शाकाहारी-मांसाहारी दोनों तरह का होता है। इसके अलावा बिज्जू की दूसरी स्पेसीज हनी बैजर इंडिया के दूसरे हिस्सों में पाई जाती है।

एवरेज लाइफ- 24 वर्ष

बिज्जू मैमल्स की कैटेगरी में आता है। इंडिया के लगभग हर हिस्से में पाया जाता है। मांसाहारी एनिमल है, मोटी स्किन व डेंजरस दिखने के कारण दूसरे एनिमल भी इससे दूर रहते हैं। इसकी एवरेज लाइफ 24 वर्ष होती है, ऊंचाई 28 सेंटीमीटर तक होती है।

ओपन डस्टबिन, हॉस्पिटल वेस्ट कारण

जानकार बताते हैं कि बिज्जू का रिहायशी इलाकों में दस्तक देने की पीछे जंगलों में भोजन का अभाव है। खुले डस्टबिन में फेंका गया भोजन और हॉस्पिटल में खुले में छोड़े जाने वाले वेस्ट में भोजन की तलाश में बिज्जू आबादी में घुस रहे हैं। ऐसे में डस्टबिन खुले न छोड़े जाएं और बिज्जू से बचने के लिए फिनाइल का यूज किया जाए, बिज्जू की सूंघने की क्षमता काफी ज्यादा होती है, ऐसे में वह फिनाइल की गंध के कारण उस एरिया को अवॉइड करता है।

बिज्जू से डरने की किसी को जरूरत नहीं है, वह इंसानों के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है। इसके बावजूद भी फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा आधा दर्जन एरियाज में बिज्जू को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं। कहीं भी यह दिखाई दे तो सूचना दें।

राजीव धीमान, डीएफओ, देहरादून।

Posted By: Inextlive