गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 'धर्मपरिवर्तन और घरवापसी' मुद्दे पर दो टूक राय रखते हुए कहा कि सेवा के लिए धर्म परिवर्तन की क्‍या आवश्‍यकता है. उन्‍होंने कहा कि देश में एक सख्‍त धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून होना चाहिए.


सेवा के लिए क्यों हो धर्मपरिवर्तनदेश में धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून की आवश्यकता की वकालत करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'घर वापसी और धर्मांतरण के बारे में कभी कभी अफवाहें फैलती हैं और विवाद होते हैं. किसी भी प्रकार का धर्मांतरण होना ही क्यों चाहिए?' राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के कार्यक्रम में बोलते हुए गृहमंत्री ने कहा, 'अन्य देशों में अल्पसंख्यक समुदाय धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग करते हैं. यहां हम केवल यह कह रहे हैं कि धर्मांतरण विरोधी कानून होना चाहिए. इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए. हमें धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर विचार करना चाहिए. मैं आप सब से विनम्र निवेदन करता हूं कि आप इस विषय पर सोचें.'  धर्मांतरण बिना हो सेवा
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम धर्मांतरण किए बिना लोगों की सेवा क्यों नहीं कर सकते? जो लोगों की सेवा करना चाहते हैं, उन्हें यह काम धर्मांतरण में शामिल हुए बिना करना चाहिए. क्या हम इस समस्या का समाधान नहीं खोज सकते?'  उन्होंने कहा, 'यह मुद्दा संसद में भी उठाया गया था. कई लोगों ने कहा कि सरकार को इस बारे में कुछ करना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि इस मामले में समाज की भी भूमिका है. समाज की भी जिम्मेदारी है. क्या हम एक दूसरे की आस्था का सम्मान करते हुए नहीं जी सकते? धर्मांतरण की क्या जरूरत है?'अल्पसंख्यकों को बचाउंगागृह मंत्री ने कहा कि वह देश की सभी राज्य सरकारों से अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के लिए की अपील करते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं कि मैं अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कुछ भी करूंगा. मैं इसके लिए किसी भी हद तक जाऊंगा. मैं भगवान की शपथ लेकर यह कहता हूं.'

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Posted By: Prabha Punj Mishra