हंगामा करेंगे, नहीं गाएंगे वंदे मातरम
नगर निगम की परिचय बैठक में पार्षदों ने किया हंगामा
हर-हर महादेव और अल्लाह हो अकबर के नारे लगाए हाथापाई की नौबत पर पुलिस को करना पड़ा बीच बचाव पुलिस ने मीटिंग से बाहर निकाले महिला पार्षदों के पति Meerut। नगर निगम ने करीब एक माह से वंदे मातरम को लेकर चल रहा विवाद सोमवार को हंगामा व हाथापाई में बदल गया। नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में बीजेपी और बसपा के पार्षद आमने सामने आ गए। महापौर शांति की अपील करती रही और पार्षद हंगामा करते रहे। हालात यह हो गए कि पुलिस ने आकर बीच बचाव कराया। तब जाकर पार्षद शांत हुए। बैठक के अंत में प्रस्ताव को लेकर फिर से हंगामा शुरू हो गया। एक बार फिर से भाजपा और बसपा पार्षद आमने सामने आ गए। बजा फिल्मी गानाटाउन हॉल में सोमवार को निगम बोर्ड की पहली परिचय बैठक महापौर सुनीता वर्मा ने बुलाई थी। करीब 11 बजे टाउन हाल में बैठक शुरू होते ही वंदे मातरम को लेकर हंगामा शुरू हो गया। वंदे मातरम गायन के नाम पर फिल्मी गाना बज गया। फिर क्या भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। पहले साउंड सिस्टम खराब हो जाने के कारण वंदे मातरम रूक गया था। उसके बाद दोबारा से वंदे मातरम हुआ।
निकल गए बाहर वंदे मातरम शुरू होते ही मुस्लिम पार्षद सदन से बाहर निकल गए। लेकिन हंगामा होने पर वह फिर से अंदर आ गए। दोनो ओर से जमकर नारेबाजी शुरू हो गई। खड़ी हुई महापौर वंदे मातरम को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सोमवार को निगम बोर्ड की पहली परिचय बैठक में महापौर सुनीता वर्मा ने उसका सम्मान किया। वंदे मातरम के दौरान वह खड़ी हुई हुई और भाजपा पार्षदों के साथ वंदे मातरम गाया। लगे धार्मिक नारे परिचय बैठक के दौरान भाजपा पार्षदों ने हर-हर महादेव के नारे लगाए तो बसपा, सपा व अन्य पार्षदों ने अल्लाह हो अकबर के नारे लगाने शुरू कर दिए। काफी देर तक नारेबाजी चलती रही। बात-बात पर हंगामा पार्षदों का जब परिचय चल रहा था तो एक पार्षद ने यह कह दिया कि वंदे मातरम को देशभक्ति का सर्टिफिकेट नहीें है। इस पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि कुछ देर बाद वह शांत हो गए। तो नहीं बनता पार्षदवार्ड 70 कांग्रेस के पार्षद मोहम्मद इकराम ने परिचय के दौरान कहा कि यदि मुझे पता होता कि निगम की बोर्ड बैठक में ऐसे हंगामा होता है तो कभी पार्षद नहीं बनता। इस पर सदन में हंसी के ठहाके लगने लगे।
पतियों को बाहर निकाला वंदे मातरम के दौरान चल रहे हंगामा पर पुलिस ने पार्षद और निगम के अधिकारियों के अलावा जो पार्षद पति थे उनको बाहर निकाला। इस पर बाहर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा पार्षद को बैठाया वार्ड 24 से बसपा पार्षद सविता ने छह प्रस्ताव पढ़कर सुनाए और उसको बसपा पार्षदों ने पास-पास कह दिया। वहीं दूसरी तरफ भाजपा पार्षद ने विकास को लेकर कुछ कहना चाहा तो महापौर ने पांच मिनट बाद बात कहने की बात कहकर बैठा दिया। तानाशाही का आरोप बसपा पार्षद के प्रस्ताव पढ़ने के बाद सीधे राष्ट्रगान शुरू हो गया और महापौर सदन से चली गई। इस पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। महापौर न तानाशाही करने का आरोप लगाया। नगर आयुक्त का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। भाजपा पार्षद मेज पर चढ़कर हंगामा करते रहे। सांसद और विधायक पहुंचे नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक में सांसद राजेंद्र अग्रवाल व दक्षिण विधायक डॉ। सोमेंद्र तोमर पहुंचे। शहर और कैंट विधायक नहीं आए। हंगामें के दौरान सांसद और विधायक शांत बैठे रहे। शांतिपूर्ण बैठक का दावानिगम बोर्ड बैठक में सोमवार को जमकर हंगामा हुआ। लेकिन महापौर सुनीता वर्मा ने हंगामा न होने बात कही। उन्होंने कहा कि पहली बैठक शांतिपूर्ण हुई। वहीं उन्होंने भाजपा पार्षदों पर हंगामा करने का आरोप लगाया।
भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। जानबूझकर उन्होंने वंदे मातरम को लेकर हंगामा किया है। यह किसी पर थोपने की चीज नहीं है। ऐसा नहीं करना चाहिए था। दिलशाद, बसपा पार्षद वार्ड 76 जनता ने हमको विकास के लिए चुना है। इसीलिए सदन में केवल विकास की बात होनी चाहिए। रही बात वंदे मातरम की तो भाजपा वाले गाने चाहते हैं तो गाएं। इकरामुद्दीन, सपा पार्षद वार्ड 86 वंदे मातरम को लेकर हम भाजपा के साथ हैं। वंदे मातरम को अपमान नहीं करना चाहिए था। शहर के विकास के लिए जनता ने निगम भेजा है उस पर बात होनी चाहिए। पवन चौधरी, निर्दलीय पार्षद, वार्ड 29 जनता ने सभी को शहर का विकास कराने के लिए निगम में भेजा है। इस प्रकार से हंगामा नहीं होना चाहिए। सभी को मिलकर केवल विकास की बात करनी चाहिए। विशाल चौधरी, रालोद पार्षद, वार्ड 10