- अफसरों की मनमानी को लेकर आयोग सख्त

- बेवजह शिकायतों को लेकर आयोग ने दिए निर्देश

PATNA : पंचायत चुनाव में अब आरक्षित वर्ग की महिलाओं को नामांकन के दौरान मायका का जाति प्रमाण पत्र नहीं देना होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने जाति प्रमाण पत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। आयोग ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जाति प्रमाण को स्थानीय स्तर पर अधिकारी रद भी नहीं कर सकते हैं। इसका निर्णय केवल सक्षम स्तर पर ही लिया जाएगा।

क्यों लिया गया निर्णय

दरअसल, पंचायत चुनाव में नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से राज्य निर्वाचन आयोग को जाति प्रमाण-पत्र के मामले में अफसरों द्वारा मनमानी की शिकायतें लगातार मिल रही थी। सर्वाधिक शिकायत प्रखंड स्तर के अधिकारियों के खिलाफ थीं। जाति प्रमाण-पत्र को लेकर मामूली आरोप और शिकायत पर अधिकारी नामांकन रद कर रहे थे। आयोग ने लगातार ऐसी शिकायतों की बढ़ रही संख्या को गंभीरता से लेते हुए स्पष्टीकरण जारी कर दिया है।

क्या होता था पहले

वर्तमान में जातिगत आरक्षण का लाभ लेने के लिए महिला अभ्यर्थी को मायका जाकर जाति प्रमाण-पत्र बनाकर जमा करना पड़ता था। इसके लिए नजराना भी देना पड़ता था। दूसरी तरफ पति के घर से बने जाति प्रमाण पत्र को निर्वाची पदाधिकारी नहीं मान रहे थे। ऐसे में महिलाएं बड़ी संख्या में जाति प्रमाण पत्र के चक्कर में चुनाव लड़ने से वंचित हो रही थीं।

Posted By: Inextlive