- स्वच्छता सर्वेक्षण, स्मार्ट सिटी, सीवरेज आदि प्रोजेक्ट्स लेंगे परीक्षा -निगम में अनुशासन का माहौल स्थापित करना भी बड़ी चुनौती lucknow@inext.co.in LUCKNOW: भाजपा प्रत्याशी संयुक्ता भाटिया के सिर पर महापौर का ताज सज चुका है। उनकी टीम के सदस्य भी तय हो गए हैं और जल्द ही शपथ ग्रहण समारोह के बाद सभी अपनी-अपनी जिम्मेदार भूमिका में नजर भी आने लगेंगे। जब महापौर के रूप में संयुक्ता नगर निगम परिसर में पहला कदम रखेंगी, तभी से ही उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो जाएगा। इन चुनौतियों से निपटना ही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा और अगर ऐसा करने में वह सफल रहीं तो जनता का विश्वास सफल हो जाएगा। जिसके आधार पर उन्होंने निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। आइए हम आपको बताते हैं कि महापौर के सामने कौन-कौन सी प्रमुख चुनौतियां हैं चुनौती नंबर 1 स्वच्छता सर्वेक्षण 2018-इसे महापौर के लिए सबसे बड़ी चुनौती माना जा सकता है। इसकी वजह यह है कि इस सर्वेक्षण में पिछली बार शहर की रैंकिंग 269 रही थी। मतलब साफ था कि स्वच्छता के मामले में शहर की हालत बेहद खराब है। अब जनवरी में फिर से स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग होने जा रही है। इस बार चुनौती है कि शहर की रैंकिंग में सुधार हो। महापौर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की सभी गाइडलाइंस पूरी करानी होंगी। अगर ऐसा संभव हुआ, तभी शहर सर्वेक्षण में पहले पायदान पर आ सकेगा। चुनौती नंबर 2 स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट-इस प्रोजेक्ट से तो हर कोई वाकिफ है। केंद्र सरकार के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शहर का नाम शामिल किया जा चुका है। वर्तमान स्थिति की बात करें तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की हालत बेहद खराब है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर योजनाएं तो ढेर सारी बनाई जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक किसी एक को भी शुरू नहीं किया जा सका है। वक्त गुजरता जा रहा है, लेकिन अभी तक शहर पूरी तरह से दूर, 50 फीसदी भी स्मार्ट नहीं बन सका है। महापौर को सबसे पहले इस प्रोजेक्ट में तेजी लानी पड़ेगी, जिससे शहर स्मार्ट बन सके। चुनौती नंबर 3 सीवरेज प्रोजेक्ट-शहर की आधी से ज्यादा आबादी सीवरेज सिस्टम को लेकर संघर्ष कर रही है। आलम यह है कि कई इलाकों में तो सीवर लाइन पड़ी ही नहीं है, जिसकी वजह से जनता को जलभराव रूपी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसी तरह कई इलाकों में सीवर लाइन तो पड़ी है, लेकिन अभी उस लाइन को घर-घर कनेक्ट नहीं किया गया है। इसकी वजह से ऐसे इलाकों में रहने वाली जनता को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महापौर के सामने यह भी चुनौती होगी कि पहले तो सभी इलाकों में सीवर लाइन पड़े। साथ ही सभी घरों से लाइन कनेक्ट भी हो। चुनौती नंबर 4 पार्को का सौंदर्यीकरण-इस समस्या को भले ही बड़ी चुनौती न माना जाए, लेकिन जनता इससे सीधे जुड़ी हुई है। कई इलाकों में पार्को की हालत बेहद खराब है। जिसकी वजह से जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार जनता की ओर से पार्को के सौंदर्यीकरण की मांग की गई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। पार्को की बदहाल हालत के कारण जनता को सड़क पर ही मॉर्निग वॉक करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। महापौर के सामने सभी पार्को का सौंदर्यीकरण कराना एक परीक्षा समान ही होगा। जिससे जनता को राहत मिल सके। चुनौती नंबर 5 जाम की समस्या-निश्चित रूप से महापौर को इस चुनौती से हर हालत में निपटना होगा। इसकी वजह यह है कि वर्तमान समय में शहर की जनता जाम की समस्या से बेहद परेशान है। जनता की ओर से कई बार इस समस्या को दूर किए जाने की मांग की जा चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। लोगों को उम्मीद है कि नई महापौर उनकी समस्या को दूर करेंगी, वहीं चयनित महापौर भी जनता को आश्वस्त कर चुकी हैं कि हर हालत में शहर को जाम मुक्त बनाया जाएगा। अब देखना यह है कि वह किस तरह से जनता के विश्वास पर खरी उतरती हैं। चुनौती नंबर 6 पेयजल-शहर की जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना महापौर के लिए खासी चुनौती भरा काम होगा। आलम यह है कि आए दिन किसी ने किसी इलाके से पेयजल को लेकर शिकायतें सामने आती रहती हैं, इसकी वजह से महापौर के सामने चुनौती होगी कि हर इलाके में स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने संबंधी व्यवस्था की जाए। यह देखना होगा कि हर इलाके में निर्बाध जलापूर्ति कराने के लिए महापौर की ओर से क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं।

Posted By: Inextlive