लंदन से भी ज्यादा मेरठ में सर्दी
भीषण सर्दी के कारण कांपे लोग, घरों में कैद रहने को हुए मजूबर
कई यूरोपीय देशों से भी कम रहा मेरठ का तापमान करीबन स्विट्जरलैंड जैसा संडे को रहा मेरठ का न्यूनतम तापमान Meerut । शहर में इन दिनों हाड़तोड़ सर्दी ने लोगों को परेशान कर दिया है। हालत यह है कि मेरठ में इन दिनों यूरोपीय देशों से भी ज्यादा सर्दी पड़ रही है। सनडे को मेरठ में लंदन और स्विट्जरलैंड जैसी सर्दी महसूस की गई। रविवार को न्यूनतम तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया। हालांकि, रविवार को दोपहर में धूप निकलने से शहरवासियों को भीषण सर्दी से कुछ राहत मिली, लेकिन शाम होते ही गलन और ठिठुरन ने मुश्किलें बढ़ा दी। लंदन से भी ठंडा मेरठरविवार को मेरठ में लंदन से भी कम तापमान दर्ज किया गया। लंदन में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तो वहीं स्विट्जरलैंड का तापमान तीन डिग्री सेल्सियस रहा। जापान और अमेरिका में भी रविवार को आठ सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया।
फिलहाल राहत नहींमौसम वैज्ञानिक डॉ। एन सुभाष ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली एनसीआर में भीषण सर्दी का असर देखा जा रहा है। रविवार को मेरठ में अधिकतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान दोपहर तक 4 व रात को तीन तक पहुंच गया। यही नहीं सोमवार को भी सर्दी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
खूब दिखा ठंड का असर शीतलहर से मैदानों में जारी प्रचंड सर्दी का असर अभी जारी रहेगा। रविवार को भी सुबह से ही घना कोहरा और कड़ाके की ठंड रही, हालांकि दोपहर में धूप निकलने से शहरवासियों को कुछ राहत तो मिली, लेकिन इसके साथ ही दोपहर बाद से ठंडी हवाओं ने फिर से सर्दी का असर दिखाया। मौसम विभाग ने 31 दिसम्बर तक ऐसे ही हालात रहने का अनुमान जताया है। मेरठ में रविवार को लगातार 16 वां कोल्ड डे रहा, कई दिनों के बाद ही रविवार का सूरज देवता ने दर्शन दिए और धूप खिली, लेकिन शाम चार बजे के बाद बर्फीली हवाओं ने तापमान चार डिग्री सेल्सियस से भी नीचे पहुंचा दिया। सर्दी के चलते रेलवे व रोडवेज पर भी यात्रियों की संख्या काफी कम रही, वहीं बाजारों में भी रौनक कम ही देखने को मिली। ये रहेगी स्थिति दिन - न्यूनतम - अधिकतम 30 दिसम्बर 6 13 31 दिसम्बर 9 151 जनवरी 10 17 बारिश ओलावृष्टि
- स्टीम मशीनें इनका है कहना बीपी, हार्ट, अस्थमा जैसी बीमारियों के मरीजों में सबसे ज्यादा बढोत्तरी हुई है। इन दिनों इन्हीं दवाइयों की मांग ज्यादा है। करीब 40 से 50 प्रतिशत दवाइयों की मांग बढ़ी है। रजनीश कौशल, महामंत्री, केमिस्ट व ड्रगिस्ट एसोसिएशन सर्दी में सबसे ज्यादा समस्या सांस के मरीजों को होती है। 50 प्रतिशत मरीजों में बढोत्तरी हुई है। ऐसे में दवाइयों की खरीद फरोख्त भी बढ़ गई है। बीपी, शुगर और हार्ट की दवाइयों की डिमांड भी करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ी है। सुधीर कुमार, संचालक, विशाल मेडिकोज ---------- कोहरे और धुंध की वजह से सांस के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है। डोज भी चेंज होती है। दूसरी बीमारियां भी बढ़ जाती है। मरीज बढ़ने से दवाइयों की डिमांड भी बढ़ जाती है। डॉ वीरोत्तम तोमर, सीनियर चेस्ट स्पेशलिस्ट -------- कक्षा आठ तक के सभी स्कूल दो दिन रहेंगे बंद मेरठ। कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के चलते जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने जनपद में परिषदीय और अन्य सभी बोडरें के विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का 30 और 31 दिसंबर को अवकाश घोषित किया है। कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों का समय सुबह 9.30 बजे से कर दिया गया है।2 जनवरी 10 18 बारिश
3 जनवरी 8 17 पाटर्ली क्राउड तापमान डिग्री सेल्सियस में मापा गया है ये रहा विदेशों में तापमान देश - न्यूनतम तापमान लंदन - 8 डिग्री स्विट्जरलैंड 3 डिग्री अमेरिका- 8 डिग्री आस्ट्रेलिया- 22 डिग्री जापान- 8 डिग्री स्पेन- 12 डिग्री सर्दी से दवाइयों के बाजार में 'गर्मी' मेरठ। शीत लहर और गलन के बीच जहां मरीज ठिठुर रहे हैं वहीं दवाइयों का बाजार पूरी तेजी पर है। अस्थमा, बीपी, शुगर और हार्ट जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं ऐसे में बाजार में भी उछाल आ गया है। स्थिति ये है कि अस्थमा और सांस की दवाइयों का ही इन दिनों 40 प्रतिशत कारोबार बढ़ गया है.अस्पतालों में भी स्थिति है कि इन बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ---- यह है स्थितिदवा कारोबारियों के अनुसार सर्दी बढ़ने से दवाइयों की खरीद फरोख्त में तेजी आई है। अन्य दिनों में जहां सिर्फ सांस संबंधित दवाइयों का पूरे मेडिसिन मार्केट का टर्नऑवर 3 से 4 करोड़ रूपये का है वहीं सर्दियों में इसमें 50 प्रतिशत तक का उछाल आ गया है। कारोबारियों के अनुसार इस वक्त बाजार में करीब 2 करोड़ तक का कारोबार और बढ़ गया है। सरकारी अस्पतालों की बात करें तो यहां भी करीब 60 से 70 प्रतिशत तक मरीज सांस, हार्ट, शुगर व बीपी के पहुंच रहे हैं। सिर्फ जिला अस्पताल में सांस संबंधित बीमारियों के मरीजों की संख्या 500 पार पहुंच रही है। जबकि शुगर व बीपी के 300 से अधिक मरीज यहां पहुंच रहे हैं। दिल के मरीजों की बात करें तो रोजाना 120 से 150 तक की ओपीडी चल रही है। मेडिकल कालेज में भी हर दिन करीब 1 हजार मरीज सांस संबंधित बीमारियों की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। जबकि शुगर, बीपी और हार्ट की बीमारियां लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या भी करीब 1500 से 2 हजार के बीच पहुंच रही है। प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक भी इन दिनों फुल चल रहे हैं।
इनकी बिक्री में हुई बढोत्तरी - - - नेबुलाइजेशन की दवाइयां - इन्हेलर की मशीनें - हार्ट की दवाइयां - रेसपिरेटरी मशीनें व दवाइयां - बीपी, शुगर, हार्ट की दवाइयां - अस्थमा व सांस की दवाइयां - रोटा कैप व मास्क - नेबुलाइजर - इंहेलर - पेन किलर