शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बुधवार को कानून-व्यवस्था व किसानों की समस्याओं को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में जमकर हंगामा किया जिसकी वजह से प्रश्नकाल भी नहीं हो सका।

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LUCKNOW: हंगामें के बीच अनुपूरक बजट पेश करने के बाद सदन की कार्यवाही गुरुवार 11 बजे तक स्थगित कर दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सरकार विरोधी स्लोगन लिखे पोस्टर लेकर पहुंचे कांग्रेस व सपा सदस्यों ने विधानसभा के वेल में धरना दिया और नारेबाजी की। यही हाल विधान परिषद का भी रहा। हंगामे के बीच सरकार ने दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया और अन्य विधायी कार्य निपटाए।
नहीं माना अध्यक्ष का अनुरोध
बुधवार सुबह विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित के सदन में आते ही समूचे विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए कार्यवाही को रोककर बुलंदशहर ङ्क्षहसा, गन्ना संकट और आजमगढ़ में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म जैसे मसलों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। महंगी गिट्टी, महंगा बालू, किसान फेंक रहे अपना आलू। किसानों पर चौतरफा मार, पानी बिजली महंगी, खेत चर रहे खुले सांड। बुलंदशहर के हत्यारों को-फांसी दो, फांसी दो।
भाजपा तेरे जमाने में-पुलिस पिट रही थाने में। जैसे नारे लिखी तख्तियां सपा व कांग्रेस सदस्यों ने दिखायी तो विधान सभा अध्यक्ष नाराज हो गए। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा, 'आप लोगों ने विधान सभा के नियमों को चौपट कर दिया। आप तख्तियां लेकर सदन में आए, यह ठीक नहीं। प्रहसन और अनुरोध दोनों एक साथ नहीं चल सकता।' इस दौरान सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। वहीं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं दावे के साथ कहता हूं कि सपा सरकार से एक हजार गुना बेहतर कानून-व्यवस्था है। ये लोग सदन का समय खराब करना चाहते हैं।
अगर सरकार की बात में दम होता तो ये सदन चार दिन नहीं चलाते। इनकी मंशा ठीक नहीं है। इनके पास कोई जवाब नहीं है। सरकार हर मुद्दे पर फेल हो चुकी है और अब सदन में जनहित के मसलों पर विपक्ष का सामना करने से कतरा रही है।
इकबाल महमूद, कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष
जनता का विश्वास खो चुकी सरकार अनुपूरक बजट के जरिये अपनी खामियां छिपाना चाहती है। प्रदेश में जंगलराज कायम है। कमजोर वर्ग ही सबसे अधिक प्रताडि़त है और सरकार समस्याओं से मुंह चुरा रही है।
लालजी वर्मा, बसपा दल के नेता
अनुपूरक बजट सोची समझी साजिश है। पहले सरकार को पिछले बजट के खर्च का ब्योरा देना चाहिए। सरकार केवल मूर्तियां लगवाने में व्यस्त है, जबकि स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व सड़कों की स्थिति बदहाल है। कानून-व्यवस्था की स्थिति बदहाल है।
अजय कुमार लल्लू, कांग्रेस दल के नेता

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Posted By: Shweta Mishra