क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : बिना पेयजल, टॉयलेट, बिजली और सुरक्षा के चल रहे प्राइवेट स्कूलों पर गाज गिरेगी. ऐसे प्राइवेट स्कूलों को आइडेंटिफाई कर बंद कर दिया जाएगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. विभाग द्वारा कराई जांच में यह खुलासा हुआ है कि पूरे राज्य में क्लास वन से एइट तक पढ़ाई वाले 6558 रजिस्टर्ड प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें 1796 स्कूलों में बिजली, 409 स्कूलों में पेयजल, 385 स्कूलों में लड़कों के लिए और 348 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है. इन स्कूलों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द बिजली, पानी, शौचालय आदि की व्यवस्था बहाल करने को कहा गया है, वरना इन्हें बंद कर दिया जाएगा.

विभाग ने जारी किया नोटिस

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने जिलों को निर्देश दिया है कि निजी स्कूलों की जांच की जाये कि वह शिक्षा के अधिकार कानून का पालन कर रहे हैं या नहीं. ऐसे स्कूलों को अंतिम रूप से अल्टीमेटम दिया जाये. एक समय सीमा के अंदर अगर निजी स्कूल मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं तो उसे बंद कर दिया जायेगा.

मुलभूत सुविधाएं नदारद

स्टेट के स्कूलों में भवन, कमरों की कमी, शिक्षक का न होना, पेयजल , शौचालय व चहारदीवारी जैसी मूलभूत सुविधाओं से की कमी है. अधिकतर स्कूलों ने पेयजल, चहारदीवारी और शौचालय को लेकर परेशानी चल रही है. बताई। स्कूलों में रनिंग वाटर नहीं है, चापाकल तो है, पर पानी खराब होता है. स्कूलों में चहारदीवारी नहीं होने से जानवारों और उत्पाती युवाओं द्वारा परेशानी की बात सामने आ रही है.

अनुदान पर भी गिरेगी गाज

सरकार के पास उपलब्ध सूचना के अनुसार अल्पसंख्यक, सहायता प्राप्त, मदरसा व संस्कृत विद्यालयों में बहुतायत में शौचालय व पेयजल की व्यवस्था नहीं है. ऐसे संस्थानों को नोटिस देकर तय समय में यह व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी. इसके बावजूद संस्थानों में व्यवस्था नहीं बनने पर अनुदान रद करने का प्रस्ताव शिक्षा विभाग की ओर से निदेशक को भेज दिया जाएगा.

रनिंग वाटर से जोड़े जाएंगे विद्यालय

जहां जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं वहां नजदीकी स्कूल को रनिंग वाटर की व्यवस्था से जोड़ा जाएगा. कनेक्शन व मासिक किराये का भुगतान विद्यालय प्रबंधन मद से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त राशि का भुगतान झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से वहन किया जाएगा.

सुविधाओं को ले हाई कोर्ट का आदेश

झारखंड उच्च न्यायालय का आदेश है कि सभी विद्यालयों में शौचालय व पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए. न्यायालय के आदेश पर इस मामले में अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट सौंपी गई थी. रिपोर्ट में कई विद्यालयों में इन व्यवस्थाओं की कमी बताई गई थी.

कितने स्कूलों क्या नहीं है सुविधा

स्कूल के प्रकार क्लास एक से पांच क्लास एक से आठ

स्कूल की संख्या 2580 3978

छात्र शौचालय नहीं 239 146

छात्रा शौचालय नहीं 230 118

पेयजल नहीं 219 190

बिजली नहीं 877 919

Posted By: Prabhat Gopal Jha