- जिनको पॉल्यूशन कंट्रोल करने का दिया जिम्मा, वही घोल रहे फिजा में जहर

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22-पॉल्यूशन सेंटर है शहर में

14 ऑनलाइन सेंटर हैं पॉल्यूशन के

1 साल तक का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट सिर्फ यूरो-4 वाहन की ही बन सकता है

40-60 रुपए तक लेते हैं सर्टिफिकेट के लिए

100 रुपए एक साल का सर्टिफिकेट ले रहे पॉल्यूशन सेंटर

60 रुपए वसूल रहे छह माह के सर्टिफिकेट जारी करने के लिए

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बरेली: पॉल्यूशन सर्टिफिकेट में किसी भी तरह की कोई धांधली न हो इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने सभी सेंटर्स को ऑनलाइन कर दिया है, लेकिन यह सेंटर नियमों को ताक पर रख पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बना रहे हैं और पॉल्यूशन फैला रहे हैं। थर्सडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के तीन पॉल्यूशन सेंटर का रियलिटी चेक किया तो चौकाने वाली हकीकत सामने आई। दो पॉल्यूशन सेंटर पर तो वाहनों का धुआं आदि चेक कर सर्टिफिकेट दिया जा रहा था। जबकि सिविल लाइंस के जेबी मोटर्स में सिर्फ वाहनों के नंबर प्लेट की फोटो स्कैन कर ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट दिया जा रहा है।

सिर्फ फोटो क्लिक कर सर्टिफिकेट

सिविल लाइंस में हेड पोस्ट ऑफिस के सामने जेबी मोटर्स पर करीब 30 मिनट तक रिपोर्टर ने वॉच किया। यहां पर किसी भी वाहन के साइलेंसर में पाइप नहीं डाला जा रहा था। पाइप बगल में पड़ा था और सेंटर ओनर वाहनों को बैक करा कर कम्प्यूटर से अटैच कैमरे से नम्बर प्लेट का फोटो क्लिक कर रहा था। जिसके बाद वह तुरंत सर्टिफिकेट बनाकर दे रहा था। सेंटर पर 30 मिनट में करीब 30 से ज्यादा वाहनों के सर्टिफिकेट बना कर दे दिए।

तो इसलिए थी भीड़

जहां बाकी दो सेंटर्स पर लगभग एक दो ही वाहन आ रहे थे तो वहीं जेबी मोटर्स में वाहनों की लाइन लगी हुई थी। ज्यादातर वाहन यहीं आ रहे थे क्योंकि यहां पर वाहनों का पॉल्यूशन चेक ही नहीं कर रहे थे।

यह है चेक करने का तरीका

-ऑनलाइन डाटा फीड करने के लिए वाहन की नंबर प्लेट स्कैन होती है।

-साइलेंसर पर पाइप डालकर उससे निकलने वाल धुएं की रीडिंग नोट होती है।

-जो भी रीडिंग आती है उसे पॉल्यूशन सर्टिफिकेट में फिल किया जाता है।

-साथ ही उसमें गाड़ी का नंबर, डेट आदि फीड करने के बाद ही सर्टिफिकेट दिया जाता है।

बातचीत के अंश: जेबी मोटर्स सिविल लाइंस

रिपोर्टर: मुझे बाइक का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाना है।

सेंटर संचालक: हां हो जाएगा। वाहन कहां है, लेकर आइए।

रिपोर्टर: बाइक लानी होगी या फिर बगैर बाइक के बना देंगे।

सेंटर संचालक: बाइक लानी होगी, उसकी नम्बर प्लेट स्कैन होगी।

रिपोर्टर: बाइक धुंआ देती है तो कैसे होगा।

सेंटर संचालक: केवल वाहन की नम्बर प्लेट ही स्कैन कर रहे हैं। धुआं नहीं चेक कर रहे हैं। देख लो दूसरे वाहनों की भी ऐसे ही सर्टिफिकेट बना रहे है।

रिपोर्टर: यह तो गलत है, बगैर धुआं चेक किए सर्टिफिकेट मान्य होगा।

सेंटर संचालक: हां क्यों नहीं धुआं चेक करने का कॉलम हम फिल करके देंगे।

रिपोर्टर: ठीक है वाहन लेकर आता हूं। कितना रुपए लगेगा।

सेंटर संचालक: छह माह के 60 रुपए और एक साल तक के सर्टिफिकेट के 100 रुपए लगेंगे।

बिना रीडिंग नहीं बन सकता सर्टिफिकेट

शहर के डीडीपुरम स्थित शहीद पेट्रोल पम्प और नकटिया स्थित पेंट्रोल पंप के पास पॉल्यूशन सेंटर पर सबकुछ ठीक मिला। दोनों ही सेंटर्स पर जब रिपोर्टर ने ओनर्स से कहा कि बिना वाहन चेक कराए पाल्यूशन नहीं बन सकता क्या। तो उसने साफ मना कर दिया। कहा कि सबकुछ ऑनलाइन है। बिना साइलेंसर में पाइप डाले रीडिंग नहीं आएगी तो हम सर्टिफिकेट कैसे बना सकते हैं।

-शहर में जितने भी पॉल्यूशन सेंटर हैं सभी को ऑन लाइन कर दिया गया है। अब ऐसे में कोई पॉल्यूशन सेंटर धांधली करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि किसी भी वाहन का पॉल्यूशन जांचने के लिए धुआं भी चेक करना अनिवार्य है।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive