रांची: रि6स में अब मरीजों का एडमिशन आसान नहीं होगा. इमरजेंसी में कोविड टेस्ट के बिना मरीज

रांची: रिम्स में अब मरीजों का एडमिशन आसान नहीं होगा। इमरजेंसी में कोविड टेस्ट के बिना मरीज एडमिट तो हो जाएंगे पर उन्हें वार्डो में शिफ्ट रिपोर्ट आने के बाद ही किया जाएगा। हालांकि, उनका इलाज इमरजेंसी में प्रभावित नहीं होगा। लेकिन कोविड टेस्ट कराना जरूरी होगा। कोरोना से बचाव को लेकर प्रबंधन ने यह कदम उठाया है। जहां टेस्ट कराने के बाद मरीजों को वार्ड में भेजा जाएगा, जिससे कि डॉक्टर व मरीज दोनों ही सेफ रहेंगे।

स्क्रीनिंग के बाद ही कोविड टेस्ट

हॉस्पिटल में सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में तत्काल उनकी स्क्रीनिंग कर गंभीर मरीजों का इलाज होगा। वहीं डॉक्टरों के रिक्विजिशन पर उनका कोविड टेस्ट के लिए सैंपल लिया जाएगा, जिससे कि यह पता चल सकेगा कि मरीज को कोरोना है या नहीं। अगर रिपोर्ट में उसके पॉजिटिव होने की बात सामने आती है तो उसे कोविड सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं, कोई सस्पेक्टेड पाया जाता है तो उसका इलाज आइसोलेशन में रखकर किया जाएगा।

कई विभागों को करना पड़ा सील

राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में दूर-दराज इलाकों से मरीज आते हैं। गंभीरता और उनकी समस्या को देखते हुए इमरजेंसी से संबंधित वार्डो में भेज दिया जाता है। इस वजह से उनका कोविड टेस्ट नहीं हो पाता। फिर गंभीर होने के कारण उनका इलाज जरूरी होता है तो रिपोर्ट मांगने में भी दिक्कत होती है। लेकिन इन छोटी-छोटी चीजों के कारण ही हॉस्पिटल के कई विभागों को सील करने की नौबत आ गई, जिसमें न्यूरो सर्जरी, गायनी वार्ड, पेडियाट्रिक वार्ड और मेडिसीन डिपार्टमेंट शामिल हैं। हालांकि, सैनिटाइजेशन और स्टाफ्स की टेस्ट के बाद विभागों को खोल दिया गया। अब प्रबंधन ने इससे बचने की तरकीब निकाली है, जिससे कि सेफ्टी के साथ मरीजों का भी इलाज हो सकेगा।

इमरजेंसी के पेशेंट्स को इमरजेंसी में ही ट्रीट किया जाएगा, चूंकि उनका इलाज जरूरी है। लेकिन डॉक्टर के रिक्विजिशन पर कोविड टेस्ट होगा और रिपोर्ट के अनुसार फिर उसे वार्ड में भेजा जाएगा।

-डॉ प्रभात कुमार, एसटीएफ

Posted By: Inextlive