कभी लोगों के घरों में गड़े रहने वाले धन ने बैंकों में अपनी जगह बनाई और अब इसका नया ठिकाना मोबाइल के ऐप बन चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में डिजिटल ट्रांजेक्शन के चलते मनी के मैनेजमेंट का तरीका भी पूरी तरह बदल जाएगा। हर मोबाइल में बैंक के सपने को पूरा करने के लिए साइबर सिक्योरिटी सबसे अहम है। लोगों की गाढ़ी कमाई उनकी मनी के डिजिटल अवतार पर भारत में मनी बैंक पेटीएम शुरू करने वाले विजय शेखर शर्मा से बात की दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की कृतिका अग्रवाल ने।

हम अपने मनी सेक्टर में सबसे बड़ा चेंज क्या एक्सपेक्ट कर रहे हैं?

मनी सेक्टर मामला है पैसे का। लोगों को लगता है कि मैं डिजिटल पेमेंट क्यों करूं, ऐसा करता हूं तो क्या होगा। कहीं मेरा पैसा कहीं फंस न जाए, फंसा हुआ पैसा वापस मिलेगा भी या नहीं। फिर जब फोन कॉल्स के जरिए मनी फ्रॉड्स की बात होती है तो लोगों का डर और भी बढ़ जाता है। ऐसे में सबसे बड़ी चीज है लोगों को ये विश्वास दिलाना कि उनका पैसा बिलकुल सुरक्षित है और वो बिना किसी फ्रॉड के डर से डिजिटल ट्रांजेक्शंस कर सकते हैं। आने वाले वक्त में भी हमारे पास सबसे बड़ा चैलेंज यही होगा कि हम लोगों को साइबर सिक्योरिटी दें, क्योंकि अभीइसका दायरा काफी कम है। इस पर काम हो भी रहा है और ये इंप्रूव भी होगा।

 

पेटीएम ने इंडिया में 10,000 एटीम लॉन्च करने की बात कही है। इससे मोबाइल बैंकिंग की दुनिया में क्या बदलाव आएगा?

हमारे सामने सबसे बड़ा चैलेंज ये था कि कोई कस्टमर किसी भी वॉलेट अकाउंट में अपने रुपए क्यों रखेगा जब हमारे पास उसे देने के लिए सिर्फ लिमिटेड ऑप्शंस ही थे। इंटरेस्ट भी नहीं था और कस्टमर्स आसानी से पैसा निकाल भी नहीं सकते थे। इसलिए अब पेटीएम एक बैंक हो गया है और अब ये रेग्युलर बैंक की तरह ही अपने कस्टमर्स को सेविंग्स बैंक अकाउंट, डेबिट काड्र्स और वॉलेट के साथ और भी कई फेसिलिटीज देगा।

 

 

आपका स्मार्ट सिटी क्या देगा आपको? जान लीजिए यहां

 

हमारी जो अप्रोच रूरल और अंडरसव्र्ड लोगों के लिए है वो मोबाइल बैंकिंग नहीं है वो असिस्टेंटबैंकिंग है। इसमें हम उन लोगों को इस तरह से फेसिलिटीज देंगे जैसे उनके पड़ोस में कोई दुकान है, कोई स्कूल है या कोई कॉलेज है या कोई शख्स है जिस पर वहां के लोग विश्वास करते हैं, तो उन जगहों को हम बैंकिंग प्वॉइंट्स में कनवर्ट कर देंगे। यानि जो लोग बैंकिंग नहीं जानते हैं, वो उन प्वॉइंट्स पर जाकर पैसा जमा कर सकते हें, निकाल सकते हैं। हम ऐसे प्वॉइंट्स एक लाख जगहों पर खोलेंगे जहां लोग किसी व्यक्ति के जरिए बैंकिंग कर पाएंगे। तो अप्रोच ये है कि मोबाइल लोगों को भले ही न समझ आता हो लेकिन मोबाइल से जो टेक्नोलॉजी बनी है, वो एक व्यक्ति उन तक जरूर पहुंचाएगा।

 

गजब! अब उंगलियों से नहीं चेहरे और आंखों से चलाइए अपना स्मार्टफोन

 

विजय शेखर शर्मा - फाउंडर, पेटीएम, मोबाइल पेमेंट कंपनी
यूपी के अलीगढ़ से बिलांग करने वाले विजय शेखर शर्मा 2010 में पेटीएम कंपनी शुरू की थी। आज इस कंपनी की नेटवर्थ 1.47 बिलियन डॉलर है। विजय शेखर देश के सबसे युवा बिलिनेयर्स में भी शामिल हो चुके हैं।

Posted By: Chandramohan Mishra