बगैर पार्किग बैंक्वेट हॉल, पब्लिक जाम में परेशान
RANCHI: राजधानी में चल रहे बैंक्वेट और मैरेज हॉल रांची नगर निगम की आंखों में धूल नहीं झोंक सकेंगे। लाइसेंस लेने के लिए एक-एक जानकारी नगर निगम को उपलब्ध करानी पड़ेगी। इसके बाद ही उन्हें संचालन के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। वहीं जिन लोगों ने अबतक ऑनलाइन आवेदन नहीं दिया है और नगर निगम को सारी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है वैसे संचालकों का लाइसेंस भी कैंसिल करने को कहा गया है।
किराया दो लाख, पार्किग जीरो सिटी में सैकड़ों बैंक्वेट हॉल हैं, जहां पर एक दिन की बुकिंग के लिए एक से दो लाख रुपए तक चार्ज भी वसूला जाता है। लेकिन पार्किग के नाम पर गाड़ी खड़ी करने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में फंक्शन के समय आने वाले लोग रोड किनारे ही गाड़ी लगाते हैं। इससे पूरा रोड जाम हो जाता है।दो साल पहले ताला लगाने का था आदेश
तत्कालीन नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने सिटी में अवैध रूप से चल रहे बैंक्वेट और मैरेज हॉल पर सख्ती की थी। इसके बाद उन्होंने आदेश दिया था कि जो भी संचालक बिल्डिंग प्लान से लेकर पार्किग तक की जानकारी नहीं देंगे, वे बैंक्वेट का संचालन नहीं कर सकेंगे। इसके बाद भी मार्केट सेक्शन ने केवल आईवॉश किया। वहीं कार्रवाई के नाम पर कुछ संचालकों पर फाइन ठोंक दिया। जबकि उसे बंद कराने को कहा गया था।
एक क्लिक पर जानकारी उपलब्ध नहीं नगर निगम ने वेस्ट बंगाल इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (वेबल) ने सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसमें बताया गया था कि अभी तक शहर में चल रहे सभी लॉज, हॉस्टल, मैरेज हॉल का डेटा एक ही जगह उपलब्ध होने की बात कही गई थी। लेकिन आजतक इस तरह की कोई जानकारी नगर निगम के पास उपलब्ध नहीं हो पाई है। लाइसेंस के लिए ये है जरूरी -आधार कार्ड -होल्डिंग रसीद -बिल्डिंग प्लान, रसीद -सॉलिड वेस्ट बिल -सीसीटीवी कैमरा फोटोग्राफ -फायर फाइटिंग फोटोग्राफ -बिल्डिंग का फोटोग्राफ -एंट्री गेट का फोटोग्राफ -नेम प्लेट का फोटोग्राफ -पार्किग का फोटोग्राफ -ट्रेड लाइसेंस नंबर -डीसीसी मशीन का फोटोग्राफ -डीसीसी मशीन की इनपुट व आउटपुट रिपोर्टपहले ऑफलाइन के कारण परेशानी थी। अब सबकुछ ऑनलाइन हो गया है। इसमें एक-एक चीज की जानकारी संचालकों से मांगी गई है। अब भी कई संचालक हैं, जिन्होंने ऑफलाइन में जो चीजें बताई वह है ही नहीं। अब ऑनलाइन करने के बाद उनका फिजिकल वेरीफिकेशन भी होगा कि क्या चीजें उपलब्ध है और क्या नहीं, इसके बाद ही लाइसेंस मिलेगा। जो लोग अभी संचालन कर रहे हैं, उनका लाइसेंस भी उसी आधार पर रिन्युअल किया जाएगा।
मनोज कुमार, नगर आयुक्त, आरएमसी