क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:लोगों के डेवलपमेंट के लिए प्रयोग होने वाली तीन हजार करोड़ की राशि एक बार फिर लैप्स होकर रह गई. राज्य में हो रहे जलवायु परिवर्तन को देखते हुए 3178.4 करोड़ का एक्शन प्लान तैयार किया गया था, लेकिन इस पर एक भी काम नहीं हुआ. क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) विभाग फिलहाल डिफंक्ट हो गया है. इस विभाग को वन विभाग के साथ मर्ज कर दिया गया है. लगभग तीन साल बाद भी क्लाइमेट चेंज डिपार्टमेंट के निदेशालय का गठन नहीं हो पाया है.

बदलती जलवायु के अनुसार योजनाएं नहीं

क्लाइमेट चेंज डिपार्टमेंट के डिफंक्ट होने से बदलती जलवायु के अनुसार योजनाएं नहीं बन रही हैं. करोड़ों खर्च करने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग को नई-नई फैल रही बीमारियों का निदान नहीं सूझ रहा है. कृषि विभाग हर साल सुखाड़ का सामना करने के लिए केवल राहत पैकेज की मांग कर रहा है. ऊर्जा विभाग सौर ऊर्जा का उपयोग करने में असमर्थ है. झारखंड में 0.2 परसेंट भी सौर ऊर्जा नहीं है. टाउन प्लानिंग और आवासीय परियोजनाओं की डीपीआर जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. लेकिन अब तक क्लाइमेट चेंज एक्शन ग्रुप में क्या काम किया है, इसकी रिपोर्ट तक नहीं दी है. इस एक्शन प्लान को भारत सरकार ने 2015 में ही स्वीकृति दी थी.

सूख रही धरती की कोख

झारखंड कभी जलप्रपातों, बड़े तालाबों और सैकड़ों छोटी नदियों वाला राज्य था, जहां कभी न तो पीने के पानी की समस्या हुई और न ही उद्योगों के लिए पानी आपूर्ति की. लेकिन, आज स्थिति यह है कि राजधानी रांची में पानी की राशनिंग की जा रही है. सरकार ने विभाग का गठन तो कर लिया लेकिन बदलते जलवायु परिवर्तन के हिसाब से अब तक जल सुरक्षा, जल संरक्षण और पानी की गुणवत्ता के लिए कोई योजना नहीं बनाई. आठ जिलों में शत-प्रतिशत भू-गर्भ जल का दोहन हो चुका है. सिंचाई योजनाएं भी पूरी नहीं हो पाई हैं.

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क्लाइमेट चेंज एक्शन ग्रुप की जिम्मेदारी

-जलवायु परिवर्तन के अनुसार विकास संबंधी योजनाएं तैयार करना

-जलवायु परिवर्तन के अनुसार कृषि की योजनाएं तैयार करना

-स्वास्थ्य क्षेत्र में एक्शन प्लान तैयार करना

-वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों पर काम करना

-टाउन प्लानिंग जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होना

-जल प्रबंधन पर काम करना

-ग्राउंड वाटर लेवल के दोहन को रोकना

-जल संचयन और जल स्रोतों का संरक्षण करना

कहां, कितने करोड़ का था एक्शन प्लान

फार्मिग: 518.2 करोड़

फॉरेस्ट्री: 496.6 करोड़

स्वास्थ्य : 452.5 करोड़

इंडस्ट्रीयल:68 करोड़

माइनिंग: 326 करोड़

पावर सेक्टर: 333.25 करोड़

ट्रांसपोर्ट: 329.50 करोड़

वाटर मैनेजमेंट: 654.75 करोड़

वर्जन

एक्शन प्लान को फिर से रिवाइज किया जा रहा है. इस बार हमलोग नई प्लान के साथ काम करेंगे. अब विभागों के बजट के साथ योजनाओं को भी सम्मिलित किया जाएगा. भारत सरकार ने फिलहाल 25 करोड़ रुपए दिए हैं, इससे रामगढ़ और जामताड़ा में जलवायु परिवर्तन को लेकर कार्यक्रम किए जाएंगे.

संजय श्रीवास्तव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक

Posted By: Prabhat Gopal Jha