संगीन मुकदमों में गवाही देने वाले सरकारी गवाहों को सुरक्षा देने को लेकर प्रशासन हरकत में आ गया है।


- सरकारी गवाहों को सुरक्षा देने की कवायद में कमिश्नर का आदेश- यलो कार्ड के जरिए गवाहों को बिना देरी मिल सकेगी पुलिस की मददलखनऊ (ब्यूरो)। ऐसे गवाहों की सुरक्षा के लिये राजधानी में साक्षी सुरक्षा सेल का गठन किया जाएगा। कमिश्नर ने सेल के तुरंत गठन का आदेश दिया है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ कर उन्हें अदालत के सामने पेश करना है। लेकिन उन्हें सजा दिलाने का काम सरकारी वकीलों का है। अपराधियों को सजा दिलाने में सबसे अहम भूमिका सरकारी गवाहों की है और इनकी सुरक्षा सर्वोपरि है, हालांकि  कई बार देखा गया है कि संगीन अपराधों के मुकदमों में सरकारी गवाहों को तमाम तरह की प्रताडऩा झेलनी पड़ती है। कई मामलों में तो इन सरकारी गवाहों को मौत के घाट तक उतार दिया गया। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2016 में साक्षी सुरक्षा योजना को लागू करने का आदेश दिया था। जारी होंगे यलो कार्ड


कमिश्नर अनिल गर्ग ने राजधानी समेत उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और खीरी में साक्षी सुरक्षा सेल के तुरंत गठन का आदेश दिया है। बताया गया कि डीएम व एसएसपी की देखरेख में गठित होने वाला साक्षी सुरक्षा सेल तमाम पेंडिंग मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ गवाही देने वाले सरकारी गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराएगा। इसके लिये सरकारी गवाहों को यलो कार्ड वितरित किये जाएंगे। अगर मुकदमों का आरोपी धमकी या फिर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो यलो कार्डधारक सरकारी गवाह अपना कार्ड दिखाकर पुलिस से मदद मांग सकेगा। पुलिस उसकी सुरक्षा और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। कमिश्नर के आदेश पर राजधानी में सेल को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। साक्षी सुरक्षा योजना के उद्देश्य-गवाह को बदले की कार्रवाई के डर के बिना कोर्ट या पुलिस के सामने गवाही देने के लिये समर्थ बनाना-यह सुनिश्चित करना कि आपराधिक मामलों की छानबीन, मुकदमों की सुनवाई के वक्त गवाहों के धमकाए जाने से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो -जो शख्स आपराधिक मामलों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग कर सकते हैं, उनको सुरक्षा दी जाए-गवाहों में यह भरोसा उत्पन्न किया जाए कि वे निर्भीक होकर सामने आएं और कानून के लागू होने में पुलिस व कोर्ट का सहयोग करें। -गवाहों और उनके परिवार के सदस्यों को डराये जाने, जान से मारने की धमकी देने और उनके सम्मान और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचाव के उपाय खोजना। lucknow@inext.co.in

Posted By: Shweta Mishra