वुमन कॉलेज के हॉस्टल के कमरों में सोना मुश्किल, बाहर छात्राओं का पढ़ना मुश्किल

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ALLAHABAD: एक तरफ पीएम नरेन्द्र मोदी पूरे देश में स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं। इसके लिए अच्छा खासा बजट भी खपाया जा रहा है। लगातार दावे हो रहे हैं कि इस अभियान में उच्च शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी गाहे बगाहे झाड़ू मारने वाले सामने आते रहते हैं, लेकिन हकीकत का नजारा विवि के महिला छात्रावास परिसर में घुसते ही हो जाता है। हाल ये है कि एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने इस कैंपस को कूड़ाघर में तब्दील कर दिया है। इससे वुमन हॉस्टल के कमरों में सोना और बाहर निकलकर पढ़ना दोनों दूभर है।

कैम्पस में फेंक रहे सड़क का कूड़ा

इविवि के वुमन कॉलेज कैम्पस में छात्राओं के रहने के लिए कई हास्टल हैं। इनमें बड़ी संख्या में छात्राएं रह भी रही हैं। इस बीच बीते कई महीनों से सड़क पर फेंका जाने वाला कूड़ा हास्टल कैम्पस में ही फेंक दिया जा रहा है। यहां रहने वाली छात्राओं का कहना है कि सभी हास्टल्स से निकलने वाली गंदगी को फेंकने के लिए प्रियदर्शनी छात्रावास के पीछे स्थान आरक्षित किया गया है। जहां देखते ही देखते कूड़े का अंबार लग जाता है।

कोई तो सुन ले अरज हमारी

छात्राएं बताती हैं कि पहले यह कूड़ा हास्टल के बाहर सड़क पर निर्धारित स्थान पर फेंका जाता था। अब कैम्पस के भीतर ही यह काम विवि प्रशासन की मर्जी से किया जा रहा है। कूड़े को हटाने की कोई उचित व्यवस्था न होने से फैलने वाले दुर्गध के कारण अब तक कई कई छात्राएं बीमार पड़ चुकी हैं। मच्छरों भी भरमार से हास्टल के कमरों में सोना मुश्किल हो चला है। डेंगू समेत दूसरी बीमारियां फैलने का खतरा भी बना रहता है। कई बार इसके विरोध में हास्टल्स सुपरिटेंडेंट, कैम्पस इंचार्ज और डीएसडब्ल्यू से भी कहा जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

हास्टल्स में सीटों की स्थिति

प्रियदर्शनी हास्टल- 486

महादेवी वर्मा- 100

कल्पना चावला हास्टल- 124

शताब्दी ग‌र्ल्स हास्टल- 202

हाल ऑफ रेजिडेंस- 260

सरोजनी नायडू हास्टल- 229

परिसर में कूड़ा कचरे के लिए कोई प्रबंधन नहीं है। इससे कचरे का टीला बन जाता है। यह एक गंभीर समस्या है। जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है।

यशस्वी पांडेय

छात्रावास परिसर में कूड़े की डम्पिंग होने के कारण तमाम छात्राएं बीमार हो रही हैं। यहां दिन में धूप में बैठकर पढ़ने वाली छात्राओं को समस्या होती है। हर समय कोई कमरे में ही तो नहीं रहेगा।

रश्मि

डब्ल्यूएच हमारे परिवार और घर की तरह है। इसकी हर चीज से हम जुड़े हैं। यहां गंदगी को जल्द से जल्द दूर करना होगा। अपने परिवार के बीच गंदगी होना अच्छी बात नहीं है।

सलमा

कूड़े के चलते आवारा जानवर भी घूमते रहते हैं। यहां समय समय पर फागिंग की जरुरत है। जिससे मच्छरों से मुक्ति मिल सके। विवि प्रशासन को तुरंत इसका संज्ञान लेना चाहिए।

पूर्णिमा

निश्चित रुप से समस्या पर विचार किया जायेगा। कहीं पर भी गंदगी होना अच्छी बात नहीं है। मैं इसका निरीक्षण करवाने के बाद उचित समाधान के लिए प्रयास करुंगा।

प्रो। हर्ष कुमार, डीएसडब्ल्यू एयू

Posted By: Inextlive