नसबंदी के बाद प्रेगनेंट हुई महिला
- स्थायी लोक अदालत का खटखटाया दरवाजा, 10 लाख का मुआवजा मांगा
ALLAHABAD: पांच साल पहले नसबंदी कराने वाली महिला गर्भवती हो गई। उसने न्याय के लिए स्थायी लोक अदालत का दरवाजा खटखटाया है। महिला ने 10 लाख रुपए के मुआवजे की मांग की है। 2010 में कराया था आपरेशनमहिला करेली के सदियापुर इलाके की रहने वाली है। उसने मोती लाल नेहरू हॉस्पिटल के डॉक्टर सुमित सक्सेना के कहने पर नसबंदी करवाई थी। उसको नसबंदी का प्रमाण पत्र भी मिला था। लास्ट ईयर सितंबर महीने में महिला की तबीयत बिगड़ी तो उसने डॉक्टर से संपर्क किया। 28 सितंबर को जिला महिला हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें गर्भवती होने की पुष्टि हुई। उसने डॉक्टर सुमित सक्सेना से संपर्क साधा। उसने क्षतिपूर्ति के रूप में दस लाख रुपए की मांग की है। कहा कि पहले ही बड़ी मुश्किल से बच्चे पाल रहे थे, अब और दिक्कत हो जाएगी। महिला की दो बेटियां व एक बेटा है।
हेल्थ डिपार्टमेंट में हड़कंपनसबंदी को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट में हड़कंप मचा हुआ है। इसे डॉक्टरों की ही गलती मानी जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिविल लाइंस के प्रधान चिकित्साधिकारी ने पीडि़ता की खोज भी शुरू कर दी है। महिला से कहा गया है कि वह असफल नसबंदी के लिए फार्म भरके क्लेम ले ले। सरकार की ओर से अनुमन्य राशि उसको दे दी जाएगी।