वुमेन सेफ्टी पर छात्राओं ने रखी बेबाक राय

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वुमेन स्टडीज सेंटर की ओर से सर्वाइविंग इन द सिटी सब्जेक्ट पर आर्गनाइज दो दिवसीय सेमिनार के लास्ट डे फ्राईडे को जागोरी की कमला भसीन और कल्पना विश्वनाथ की ओर से गेस्ट हाऊस में छात्राओं के बीच इंटरैक्शन सेशन चलाया गया। जिसमें छात्राओं ने वुमेन वायलेंस से जुड़े कई दिलचस्प पहलुओं को उठाया और प्राब्लम्स पर मुखर होकर चर्चा की। इस दौरान हंसी ठहाकों के अलावा संवेदनशील मुद्दों पर मायूसी का भी दौर चला।

क्यों जरूरी है चेहरा ढंककर चलना

चर्चा के दौरान ग‌र्ल्स ने पुलिस, पब्लिक सिस्टम सबको लपेटा। एक्सपटर््स ने लड़कियों के मुंह पर कपड़ा बांधकर बाहर निकलने को प्रमुखता से छात्राओं के बीच रखा तो छात्राओं में किसी ने इस प्रवृत्ति का बचाव किया तो किसी ने सीधे तौर पर कहा कि वे ईव टिचिंग से बचने के लिए ऐसा करती हैं।

मैम, तब पुलिस भी कहती है अंदर रहो

एयू की वुमेन हास्टल की एक छात्रा ने एग्जाम्पल देते हुए कहा कि ब्वायज के हास्टल का गेट पूरी रात खुला रहता है। हमारी असुरक्षा का आलम यह है कि लड़कियों के हास्टल का गेट रात नौ बजे ही बंद हो जाता है फिर हम कहीं भी नहीं आ-जा सकते। उसने कहा कि इस बारे में लड़के बड़ी ही बेबाकी से कहते हैं कि हमारे हास्टल का गेट केवल हास्टल के एनागरेशन के ही दिन निर्धारित समय पर बंद हुआ था। इसके बाद इस तरह की नौबत कभी नहीं आई। इस छात्रा ने यह भी कहा कि होली के समय हास्टल के लड़के बड़ा बड़ा डीजे लेकर वुमेंस हास्टल के बाहर आते हैं और अश्लील गानों पर डांस के अलावा उनसे अभद्रता भी करते हैं। चौकाने वाली बात तो यह है कि उस वक्त मौके पर मौजूद पुलिस भी उन्हें ही हास्टल के अंदर रहने की एडवाईज देती है।

म्म् परसेंट वर्क, क्0 परसेंट इनकम, प्रापर्टी में हिस्सेदारी केवल एक परसेंट

कार्यक्रम में वुमेन सेफ्टी के उपायों पर चर्चा करते हुए कमला भसीन और कल्पना विश्वनाथ ने ट्रांस्पोर्ट सिस्टम, सिटी में लाईटिंग की व्यवस्था, ट्रैफिक पुलिस की अवेयरनेस, एटीएम गार्ड्स की मुस्तैदी, महिला हास्टल के विस्तार, सेफ स्कूल, पब्लिक प्लेसेस पर चौकसी आदि पर बल दिया और कहा कि सिटी में वुमेन सेफ्टी के लिए लगातार कैम्पेन चलाए जाने की जरूरत है। बिहेवियर और आईडियोलाजी में बदलाव की बात कही। कहा कि आईपीएल जैसे आयोजनों में चियर लीडर्स को वस्तु के रुप में परोसने जैसी चीजों पर रोक लगाए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस बात की ओर छात्राओं का ध्यान आकर्षित किया कि महिलाएं म्म् परसेंट वर्क करती हैं। लेकिन उनकी आमदनी क्0 परसेंट और प्रापर्टी में हिस्सेदारी केवल एक परसेंट है। इस पर सभी को विचार करने की जरुरत है। प्रो। सुमिता परमार, प्रो। हेमलता श्रीवास्तव, कुमुदनी पति, डॉ। रुचिका वर्मा आदि ने भी अपनी बातें रखीं।

Posted By: Inextlive