उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर के बाहर खुद को आग लेने वाली महिला की माैत हो गई है। वहीं उसकी बेटी का अभी उपचार हो रहा है। कहा जा रहा है कि इन महिलाओं ने अमेठी में जमीन विवाद में पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने के बाद सीएम ऑफिस के बाहर खुद को आग लगाने का कदम उठाया।


लखनऊ (पीटीआई)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दफ्तर के बाहर बीते शुक्रवार को दो महिलाओं ने खुद को आग लगाई थी। आग लगाने वाली मां-बेटी थीं। अधिकारियों ने बताया कि उपचार के दाैरान एक महिला की माैत हो गई है। अमेठी में भूमि विवाद मामले में कथित पुलिस निष्क्रियता के कारण महिला व उसकी बेटी ने 17 जुलाई को खुद को आग लगा ली थी और बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया। मेडिकल अधीक्षक, एसपीएम सिविल अस्पताल, ने पीटीआई को बताया उपचार के दाैरान मंगलवार को रात लगभग 11.45 बजे अस्पताल में इलाज के दौरान 50 वर्षीय, सफिया की मृत्यु हो गई। वहीं उनकी बेटी का इलाज हो रहा है। इन चार लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ केस
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस घटना को एक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है। यह एक आपराधिक साजिश है, जिसके कुछ लोगों ने उन्हें (साफिया और उसकी बेटी) उकसाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में चार लोगों - आसमा, सुल्तान, कादिर खान (एआईएमआईएम के अमेठी जिला अध्यक्ष) और अनूप पटेल (कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सुजीत पांडे ने कहा था कि महिलाओं को लखनऊ आने और खुद को आग लगाने की कोशिश की गई ताकि उनकी शिकायतों को उजागर किया जा सके और विवाद को हल किया जा सके।ये महिलाएं यूपी कांग्रेस कार्यालय गईं थींपुलिस कमिश्नर ने दावा किया था, हमारे पास यह दिखाने के लिए सबूत हैं कि ये महिलाएं यूपी कांग्रेस कार्यालय गईं और अनूप पटेल से मिलीं थीं। हालांकि कांग्रेस ने पुलिस पर मामले में अमेठी से अपनी पार्टी के नेताओं में से एक को फंसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। यूपीसीसी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया था कि पुलिस सुनियोजित साजिश के तहत कानून और व्यवस्था की खराब स्थिति को छिपाने के लिए कांग्रेस की अमेठी इकाई के एक पूर्व प्रवक्ता का नाम घसीट रही है।

Posted By: Shweta Mishra