पिछले कुछ दिनों से भारत में आधार की बड़ी चर्चा है। क्‍यों न हो? अब जिंदगी में हर दूसरी चीज आधार से जो लिंक करना जरूरी जो हो गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर तो लोग मजाक कर रहे थे कि कुछ दिनों में शायद होटल में खाने से लेकर शादी करने के लिए भी आधार जरूरी हो जाएगा। वैसे आपके साथ ऐसा कुछ भले ही न हो लेकिन एक महिला के साथ आधार के नाम पर सच में मजाक हो गया। जब उसे पता चला कि उसके आधार पर नंबर पर 9 अंजान लोगों के मोबाइल कनेक्‍शन चल रहे हैं। महिला के तो होश उड़ गए लेकिन वो जागरुक निकली और उसने टि्वटर पर आधार अथॉरिटी और मोबाइल कंपनी को कटघरे में खड़ा करते हुए ऐसे सवाल दागे कि अब पूरे इंडिया के लोग सोच में पड़ गया कि यार कि कहीं उनके आधार पर भी ढेरों फर्जी मोबाइल कनेक्‍शन न चल रहे हों। इस मामले में एक अच्‍छी बात यह हुई कि आधार ने कम से कम यह तो बता दिया कि अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुछ हो तो आप क्‍या एक्‍शन लेंगे।

महिला ने आधार और मोबाइल कंपनी से पूछे बड़े सवाल

आजकल देश भर में लोग अपने मोबाइल नंबर को आधार से वेरीफाई कराने में जुटे हुए हैं। यही काम कराने जब प्रिय नाम की एक महिला मोबाइल कंपनी के ऑफिस पहुंची तो उसे बताया गया कि आपका नंबर आधार से लिंक नहीं हो सकता, क्योंकि इस आधार नंबर पर पहले से 9 मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं। यह सुनकर प्रिया के तो होश ही उड़ गए, क्योंकि ये मोबाइल नंबर वो पिछले 18 साल से यूज कर रही हैं और कंपनी कह रही है कि ये वेरीफाई नहीं हो सकता और जल्दी ही बंद हो सकता है। गनीमत रही कि प्रिया काफी जागरुक निकलीं और उन्होंने टि्वटर पर UIDAI और एयरटेल से सवाल पूछा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा सदमा है कि जो नंबर मैं इतने सालों से यूज रही हूं वो आधार से लिंक नहीं हो सकता और कंपनी कह रही है कि इस नंबर पर पहले से 9 मोबाइल सिम इश्यू किए जा चुके हैं।


 

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4 दिन के लंबे इंतजार के बाद आया UIDAI का चौंकाने वाला जवाब

16 जनवरी को UIDAI को ट्वीट करने के बाद परेशान प्रिया को 4 दिन के लंबे इंतजार के बाद 21 जनवरी को UIDAI से सहायता नहीं सिर्फ ये जवाब मिला कि 'कम से कम यूजर को यह तो मालूम चल रहा है कि उसके आधार से कितने मोबाइल नंबर लिंक हैं। ऐसे केस में उपभोक्ता TRAI या DOT की TERM cell में फर्जी लोगों को सिम जारी करने को लेकर शिकायत कर सकते हैं। आधार अथॉरिटी ने यह भी कहा कि वो प्रिया के मामले में एयरटेल से बात कर रहे हैं कि ऐसी गड़बड़ी आखिर कैसे हुई।

 

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खैर जो भी हो एक बात तो तय है कि अब तक किसी के भी आधार नंबर से कई फर्जी मोबाइल कनेक्शन चल रहे थे, जिन्हें बायोमेट्रिक द्वारा वेरीफाई किए जाने के बाद ही पहचाना जा सकता है। जैसा शॉक प्रिया को लगा वैसा ही आपको न लगे, इसके लिए जान लीजिए कि आपका आधार नंबर भी फर्जी फोन या गैस कनेक्शन के लिए कहीं यूज तो नहीं किया जा रहा। जानने के लिए ये पढि़ए।


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Posted By: Chandramohan Mishra