मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के छोटे से ग्रामीण कस्बे देवलोंद की अवनी चतुर्वेदी को आज देश में कौन नहीं जानता। अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अवनी ने महिलाओं की स्थिति पर दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के साथ अपने ये थॉट्स शेयर किए।

कुछ भी हासिल करना मुश्किल नहीं

इंडियन एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट अवनी कहती हैं कि इंडियन एयर फोर्स ने महिलाओं को कॉम्बैट रोल में लाकर एक बहुत बड़ा कदम उठाया है और मैं बहुत लकी हूं कि मुझे यह अपॉच्र्युनिटी मिली है। एक मेल डॉमिनेटेड सेगमेंट में एंट्री करने के बारे में वो कहती हैं, 'ऐसा कुछ भी नहीं जिसे हासिल नहीं किया जा सकता। कुछ भी नामुमकिन नहीं। हर महिला को ये सोचना चाहिए कि मैं क्यों नहीं।


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संपत्ति के अधिकार पर क्या कहती हैं अवनी?

परिवार में ज्यादातर संपत्ति पुरुषों के नाम पर होने के सवाल पर अवनी कहती हैं कि 'क्यों लड़कियां या महिलाएं किसी भी चीज के लिए पुरुषों पर निर्भर रहें। मुझे लगता है कि हर महिला में ये क्षमता होनी चाहिए कि वो जिंदगी अपनी मर्जी के मुताबिक जी सके। उसे किसी पर भी निर्भर नहीं रहना चाहिए। इस वीमेंस डे यही संकल्प हर भारतीय महिला को लेना चाहिए।

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Posted By: Chandramohan Mishra