वर्ल्‍ड बैंक ने महिलाओं की आर्थिक उन्‍नति को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। जो वाकई चौंकाने वाला है। महिलाओं के अपने करियर में कई कानूनी बाधाएं आती हैं। जिसके चलते उन्‍हें नौकरी से हाथ धोना पड़ता है। यही नहीं कम से कम 18 देशों में महिलाओं को नौकरी करने के अपने पति की मंजूरी लेनी पड़ती है जो एक चिंतनीय विषय है।

यह एक घोर अन्याय है
वर्ल्ड बैंक ग्रुप के प्रेसीडेंट जिम योंग ने 'महिला कारोबार और कानून 2016' रिपोर्ट जारी करते हुए महिलाओं की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई है। योंग ने बताया कि यह एक घोर अन्याय है, जिसे समाज ने महिलाओं के नौकरी पाने की उनकी क्षमता या आर्थिक जीवन में उनकी भागीदारी पर कानूनी प्रतिबंध लगा दिया है। पुरुषों की तरह ही महिलाएं भी अपने सामर्थ्य की पूर्ति के लिए हर एक मौका पाना चाहती हैं। दरअसल यह रिपोर्ट महिलाओं की नौकरी और उद्यमिता में रोड़ा अटकाने वाले कानूनों की पड़ताल करती है। जिसमें पाया गया कि 173 में से 100 अर्थव्यवस्थाओं में महिलाओं को नौकरी से संबंधित बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
किन-किन देशों में क्या है समस्या
इस रिपोर्ट पर नजर डालें, तो 41 देशों में कुछ निश्चित फैक्ट्रियों में महिलाओं को काम करने की मनाही है, वहीं 29 देशों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट करने से रोका जाता है। इसके साथ ही 18 देश ऐसे हैं जहां महिलाएं पति की इजाजत के बगैर नौकरी नहीं कर सकती। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी से पुरुषों को सीमित कर दिया जाता है। वर्ल्ड बैंक ने यह भी कहा कि, 30 देशों में विवाहित महिलाएं यह चुनाव नहीं कर सकती कि उन्हें कहां रहना है। और 19 देशों में वे अपने पति का आदेश मानने के लिए कानूनन बाध्य होती हैं।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari