-समान पेंशन, आंदोलनकारियों के परिजनों को नौकरी देनी की मांग

-उत्तरकाशी मोरी की आंदोलनकारी महिला शहीद स्थल पर पेड़ पर चढ़ी

-सीएम से नहीं हो पाई मुलाकात, संडे 10 बजे का दिया है वक्त

DEHRADUN : कभी पानी की टंकी, कभी मोबाइल टावर, लेकिन फिर पेड़। जी हां, सैटरडे को उत्तरकाशी मोरी की कमली देवी मांगें मनवाने के लिए शहीद स्थल स्थित पेड़ पर चढ़ गई। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद सीएम हरीश रावत के ओएसडी मौके पर पहुंचे और सीएम से मिलवाने के आश्वासन के बाद आंदोलनकारी महिला पेड़ से उतरी। लेकिन इधर बीजापुर सीएम आवास पर पहुंचे आंदोलनकारियों की सीएम से मुलाकात नहीं हो पाई।

प्रदेशभर के आंदोलकारी पहुंचे हैं दून

समान पेंशन जैसी कई मांगों को लेकर प्रदेशभर के कई राज्य आंदोलनकारी शहीद स्थल पर धरने पर बैठे। उत्तराखंड राज्य निर्माण चिन्हित आंदोलनकारी मंच के बैनर तेल समूचे प्रर्दशनभर से करीब तीन दर्जन राज्य आंदोलनकारी दून पहुंचे हैं। सैटरडे सुबह शहीद स्मारक पर धरना देने के बाद करीब साढ़े दस बजे उत्तरकाशी मोरी की कमली देवी पेड़ पर चढ़ गई। कमली देवी का कहना था कि वे चिन्हित आंदोलनकारी हैं, लेकिन उनके दो बेटे अब तक बेरोजगार हैं। इसी बीच पेड़ पर चढ़ी कमली देवी ने पीने के लिए पानी मांगा, आंदोलनकारी महिलाएं पेड़ पर पानी देने के लिए चढ़ने लगी, लेकिन पुलिस ने नहीं जाने दिया। इस बीच पुलिस व महिला आंदोलनकारियों की बीच नोंक-झोंक भी हुई।

ओएसडी पहुंचे मौके पर

करीब पौने तीन बजे मुख्यमंत्री के ओएसडी आनंद बहुगुणा शहीद स्थल पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों को भरोसा दिया कि वे मुख्यमंत्री ने उनकी मुलाकात करवाएंगे। सीएम के ओएसडी के आश्वासन के बाद पेड़ पर चढ़ी कमली देवी नीचे उतरी। उसके बाद आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल बीजापुर गेस्ट हाउस सीएम ने मिलने पहुंचा, लेकिन सीएम से भेंट नही हो पाई। अब सीएम कार्यालय ने संडे सुबह क्0 बजे मिलने का वक्त दिया है। इधर, महिला आंदोलनकारी बीरा देवी ने साफ कह दिया है कि संडे को सीएम से मुलाकात नहीं हुई तो आंदोलनकारी ख्म् जनवरी से पहले कुछ भी कर सकती हैं। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। आंदोलनकारियों में दर्शनी देवी, सुभागा देवी, बीना देवी, लक्ष्मी देवी व नंद किशोर आदि मौजूद थे।

Posted By: Inextlive