कमलेशी रजत को मृत समझ कर मुर्दाघर के लिए भेजा गया था. अब वो जिंदा हैं और अस्पताल में भर्ती हैं.


दरअसल, उनके पति कोमल सिंह रजत ने उन्हें अपनी बहू के साथ मुर्दा समझ कर पुलिस के हवाले कर दिया था.लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने उनकी साँसों को चलता हुआ पाया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया.रविवार को मध्य प्रदेश के दतिया जिले के एक दूर दराज़ इलाके में भगदड़ मचने से 115 लोगों की मौत हो गई थी. कमलेशी भी इसी हादसे में घायल हो गईं थी.45 साल की कमलेशी एक ग़रीब परिवार से हैं.फिलहाल उनका ग्वलियर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. मैं जिस वक्त अस्पताल पहुँचा उसके ठीक पहले उसके पति उसके बचने की उमीदें छोड़ बैठे थे और उनके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे.उन्होंने कहा, "मुझे ख़ुशी है मेरी पत्नी मुझे जिंदा मिल गई"चमत्कार
दशहरे के मौके पर लोग मंदिर में अब भी लाखों की तादाद में आए हैं. वे पूजा-अर्चना कर रहे हैं और उत्सव मना रहे हैं.इतना बड़ा हादसा हो जाने के एक दिन बाद ही रंगे-बिरंगे कपड़ों और तमाम आभूषणों से लदे लोग मंदिर परिसर में तालियाँ बजाते हुए गीत गा रहे हैं और ढोलक बजा रहे हैं.


रविवार को रतनगढ़ में हुए हादसे में 115 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की जा चुकी है. कई लोग अभी भी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं.कुछ श्रद्धालुओं से जब पूछा गया कि उन्हें रविवार के हादसे के बाद डर नहीं लग रहा है तो उनका कहना था, "किसी तरह का भय नहीं है, रविवार का हादसा एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और वो हादसा अब गुज़र चुका है".ग़ौरतलब है कि रतनगढ़ मंदिर के पास ही कुछ साल पहले भी भगदड़ मचने से एक बड़ा हादसा हुआ था. उस हादसे में भी पचास से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.

Posted By: Subhesh Sharma