वानखेड़े स्टेडियम में इस वर्ष होने वाले आइपीएल मैचों में पिच या अन्य काम में पीने लायक साफ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन एमसीए ने बांबे हाई कोर्ट से कहा है कि चाहे खरीद कर या बीएमसी द्वारा उपलब्ध कराए गए साफ पानी का इस्तेमाल खेल मैदान से संबंधित काम में नहीं किया जाएगा।


3,30,000 लीटर पानी की होगी जरुरत24 जनवरी को सुनवाई के दौरान एमसीए के वकील एएस खांडेपारकर ने हाई कोर्ट से कहा कि एसोसिएशन केवल रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली से संरक्षित पानी का ही इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा वानखेड़े स्टेडियम में पिछले वर्ष निर्मित अपने रिंग वेल से पानी लेगा। यह रिंग वेल टायलेट एवं स्वच्छता बनाए रखने के लिए तैयार किया गया था। खांडेपारकर ने कहा कि आइपीएल मैच में रोजना इन उद्देश्यों के लिए करीब 3,30,000 लीटर पानी की जरूरत होगी। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस पीएन देशमुख ने पूछा कि एमसीए मुंबई में भविष्य में होने वाले आइपीएल मैचों में भी इसका पालन करेगा? इसके जवाब में खांडेपारकर ने कहा कि वह भविष्य के मैचों के बारे में इस तरह का कोई बयान नहीं दे सकते हैं। राष्ट्रीय जल नीति प्रावधान का होगा पालन
खंडपीठ एनजीओ लोकसत्ता मूवमेंट द्वारा 2016 में दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। एनजीओ ने उस वर्ष मुंबई एवं अन्य शहरों में आइपीएल मैचों का विरोध किया था। उस समय महाराष्ट्र में सूखे की जैसी स्थिति थी जिस कारण एनजीओ ने विरोध किया था। हाई कोर्ट के आदेश के कारण 2016 में मैच राज्य से बाहर कराने पड़े थे। आइपीएल ने अदालत से भविष्य में होने वाले आइपीएल मैचों में राज्य के साथ ही राष्ट्रीय जल नीति के प्रावधान का पालन सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari