विश्व जनसंख्या दिवस विशेष

महिला नसबंदी केस में पचास फीसदी लक्ष्य ही पूरा

2011 जनगणना में बीस फीसदी थी इलाहाबाद की जनसंख्या ग्रोथ

ALLAHABAD: उप्र के सबसे अधिक आबादी वाले जिले में शुमार इलाहाबाद में जनसंख्या पर रोक लगाना टेढ़ी खीर होता जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष में इलाहाबाद में महिला नसबंदी में 50 तो पुरुष नसबंदी में महज दस फीसदी लक्ष्य ही पूरा हुआ था। जबकि, पिछली जनगणना में जिले में जनसंख्या ग्रोथ बीस फीसदी से अधिक दर्ज की गई थी। लाख कोशिशों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग लोगों को नसबंदी शिविर तक लाने में नाकाम साबित हो रहा है। ऐसे में जिले में जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है।

आबादी बढ़ी, सेक्स रेशियो गिरा

इलाहाबाद की आबादी में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 2011 में जिले की आबादी 59.54 लाख दर्ज की गई थी, जो वर्तमान में 65 लाख का आंकड़ा कर चुकी है। इसी तरह शहर की आबादी 2011 में 11.12 लाख थी जो इस समय 15 लाख से अधिक हो चुकी है। आबादी बढ़ रही है लेकिन जिले का पुरुष और महिला लिंगानुपात पिछली जनगणना के आधार पर अभी एक हजार पुरुषों पर 901 है। ऐसी स्थिति में नसबंदी शिविरों पर स्वास्थ्य विभाग ध्यान केंद्रित जरूर कर रहा है लेकिन रिजल्ट उतने बेहतर नहीं मिल रहे हैं। बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष में महिला नसबंदी का लक्ष्य 25981 निर्धारित था, जिसके सापेक्ष 13048 नसबंदी हुई और पुरुषों का नसबंदी लक्ष्य 2887 रखा गया था लेकिन शिविरों में केवल 301 पुरुष ही पहुंचे। इस वित्तीय वर्ष में मई तक शिविरों में 389 महिलाएं पहुंचीं तो पुरुषों की संख्या महज 29 रही।

आज बनेगी मानव श्रंखला

विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को मेडिकल चौराहे से सुभाष चौराहे तक मानव श्रंखला का आयोजन कर लोगों को जागरुक किया जाएगा। स्कूली बच्चों के लिए चित्रकला, कविता लेखन और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसी क्रम में 11 से 24 जुलाई के बीच जनसंख्या पखवाड़ा मनाया जा रहा है। 19 जुलाई को स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिला और पुरुष नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे। सीएमओ डॉ। आलोक वर्मा का कहना है कि पखवाड़े के अंतर्गत लोगों को जनसंख्या वृद्धि से होने वाली दिक्कतों के प्रति जागरुक किया जाएगा। नसबंदी शिविरों का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive